कभी टाट-पट्टी पर बैठने वाली आज बैठती हैं IAS की कुर्सी पर

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पुलिस न्यूज यूपी डॉट कॉम आज आपको एक ऐसी IAS अफसर के बारे में बताने जा रहा है, जिन्होंने देश के सबसे टफ सिविल सर्विसिज़ एग्ज़ाम में 50वीं रैंक हासिल की। ये हैं मध्यप्रदेश के सतना की सुरभि गौतम जो यूनिवर्सिटी टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं। सुरभि गौतम की 12वीं तक की पढ़ाई गांव के एक हिंदी मीडियम स्कूल से हुई। सुरभि ने उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है जो हिंदी को गया गुजरा समझते हैं और हिंदी होने पर उनको शर्म महसूस होती है। सुरभि को इस बात पर गर्व है कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की है।
सुरभि ने IAS बनने का सपना 10वीं कक्षा से ही देखना शुरू कर दिया था। सुरभि के इस जज्बे की वजह से 10वीं में 93.4 फीसदी अंक प्राप्त किये थे। बता दें कि सुरभि सतना के अमदरा गांव की रहने वाली हैं। सुरभि के पिता सिविल कोर्ट में अधिवक्ता हैं और मां सुशीला गौतम एक अध्यापक हैं। सुरभि ने सिविल सर्विसिज़ एग्ज़ाम क्रॉस करके वो कर दिखाया जो इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चे करते हैं।
मुकाम हासिल करने में भाषा रुकावट नहीं बनती- सुरभि
जिंदगी में बेहतर मुकाम हासिल करने के लिये कभी भाषा रुकावट नहीं बनती, वो तो हमारी समाज है जिसने खुद को भाषाओं की बेड़ियों जकड़ रखा है। ये वहीं बेड़ियां है जो देश को हिंदी और अंग्रेजी में बांट देती हैं। सुरभि गौतम पर भी एक पुरानी कहावत भी बिल्कुल सटीक बैठती है। वो क्या कहते हैं ? कि ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं’।
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कुछ ऐसा ही हाल है सतना की सुरभि गौतम का। सुरभि बचपन से ही पढ़ने में तेज रहीं। इसका कारण यह भी हो सकता है कि सुरभि के पिता वकील हैं और माता अमदरा हायर सैकेंड्री स्कूल में टीचर हैं। सुरभि ने मैट्रिक की परीक्षा में 93.4 फीसदी अंक प्राप्त किये। यहां से ही सुरभि के सपनों और सफलता की नींव और मजबूत हो गई।
सुरभि ने हाईस्कूल में 93.4 फीसदी अंक प्राप्त किये
सुरभि ने हाईस्कूल में 93.4 प्रतिशत अंक पाने के बाद से ही कलेक्टर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सुरभि ने जिंदगी के उन सभी ऐशो आराम को त्याग दिया था जो उनको कलेक्टर बनने में रोड़ा बन सकते थे। सुरभि सताना के एक छोटे से गांव अमदरा की रहने वाली हैं। अमदरा से ही सुरभि ने 12वीं तक की पढ़ाई की।
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सुरभि इन दिनों ऐसी परेशानियों से गुजरीं जब गांव के स्कूल में न तो अच्छे टीचर थे और न ही समय पर किताबे मिल पातीं थीं। 12वीं के बाद उन्होंने ने स्टेट इंजीनियरिंग का एंट्रेंस एग्ज़ाम दिया। एग्ज़ाम में सुरभि के अच्छे मार्क्स आए। जिसके बाद उनको शहर के किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने की मान्यता मिल गई।
सुरभि ने टॉप करने की आदत नहीं छोड़ी
सुरभि ने राजधानी भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन्स में इंजीनियरिंग की। यहां भी सुरक्षि ने टॉप करने की आदत नहीं छोड़ी। यहां पर भी उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ-साथ यूनिवर्सिटी टॉप कर ली। कॉलेज के बाद सुरभि ने BARC, GATE, ISRO, SAIL, MPPSC PRE, SSC LGL दिल्ली पुलिस और FCI की परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं। यहां से उनके पास ज्वाइन करने के लिए कॉल भी आए। साल 2013 में IES एग्ज़ाम में सुरभि को ऑल इंडिया में पहला स्थान हासिल हुआ। इसके बाद उन्होंने 2016 में IAS एग्ज़ाम में ऑल इंडिया में 50वीं रैंक हासिल की।
12वीं तक आते-आते गांव की सेलेब्रिटी बन चुकीं थीं
सुरभि बचपन से सिर्फ पढ़ने वाली बच्ची नहीं थीं, बल्कि उनकी पेटिंग बनाने और कविताएं लिखने में भी रुचि रही है। सुरभि के कढ़ाई-बुनाई, रंगोली, स्केचिंग बनाने के भी शौक रहे हैं। सुरक्षि 12वीं तक आते-आते अपने गांव की सेलेब्रिटी बन गईं थीं। गांव के लोगों को अपने बच्चों से ज्यादा उनके रिजल्ट आने का इंतजार रहता था। गांव के लोग शुरू से ही मान कर चल रहे थे कि गांव की ये बेटी एक दिन गांव का नाम रौशन जरूर करेगी।
(वरिष्ठ पत्रकार संदीप विश्वकर्मा की रिपोर्ट के अनुसार)

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