फिर योग के आड़े आया धर्म

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योग हमारे देश का प्राचीनतम और बहुमूल्य स्वस्थ रहने का जरिया है| हमें गर्व होना चाहिए की आज हमारे देश का योग विदेशो तक फैला हुआ है, विदेशी इसे अपनाने में कदापि नहीं चुकते है, लेकिन झारखंड के रांची में योग सिखाने पर राफिया नाज को धमकियां दी जा रहीं हैं।
योग शिक्षकों ने एस बात का विरोध जताया है
शहर के सभी योग शिक्षकों ने एस बात का विरोध जताया है और उन्होंने कहा कि योग को धर्म से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए रफिया नाज़ का कहना है, योग को धर्म से न जोड़ें और योग करने से मनुष्य का मन व दिमाग शांत रहता है।
नैशनल स्तर पर 52 मेडल जीत चुकी हैं
लोगों को योग करना चाहिए और धर्म को बदनाम नहीं करना चाहिए। मैं भी तो कई साल से योग टीचर हूं और मैं योग करने की वजह से पूरी तरह से फिट रहती हूं। राफिया नाज नैशनल स्तर पर 52 मेडल जीत चुकी हैं। राफिया नाज को किस बात की धमकी दी जा रही है, यह समझ में तो नहीं आ रहा है। लेकिन आज के समय को देखते हुए समाज व बेहतर कार्यों के लिए लोगों को अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। योग क्रियाओं पर भी उगली  उठाना गलत भी है।
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 आइये जानते है, नासिर हुसैन, योग टीचर के कुछ शब्द-
मैं खुद कई वर्षों से लोगों को योग करा रहा हूं। किसी भी कार्य को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। फिट रहने के लिए योग एक बेहतर और अच्छा माध्यम के सिवाय और कुछ नहीं है। योग करने के बाद मनुष्य सारे दिन अपने आपको बेहतर और ताज़ा महसूस करता है।
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