यहां ईंट-पत्थरों से नहीं, प्लास्टिक की बोतलों से बनते हैं घर
कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद जब आप बोतल फेंक देते हैं, तो क्या कभी सोचते हैं कि इसे गलने में कितना वक्त लगेगा? प्लास्टिक की एक बोतल गलने में कम से कम 450 साल लेती है। अब आप सोचिए कि अगर आपका पूरा घर ही प्लास्टिक का बन जाए तो। क्या घर भी भला प्लास्टिक की बोतलों से बन सकते हैं? यह बात सुनने में तो अजीब लगती ही है, लेकिन पनामा नाम के एक देश में जल्द ही ऐसा होने वाला है।
प्लास्टिक का होगा हर घर
इस देश में एक ऐसे गांव का निर्माण हो रहा है, जिसमें सभी घर प्लास्टिक की बोतलों से बने होंगे। वो प्लास्टिक की बोतलें जिन्हें हम कबाड़ समझ कर फैंक दिया करते है, वे वातावरण के लिए काफी हानिकारक होती हैं। उनको जलाना भी वायु प्रदूषण फैलाता है।
इन सब कारणों से वाकिफ एक व्यक्ति ने वातावरण को बचाने और पुरानी बोतलों को दोबारा इस्तेमाल में लाने के लिए यह नया उपाय खोज लिया है।
14 हजार बोतलों से एक घर
पनामा में 83 एकड़ क्षेत्र में ‘प्लास्टिक बोतल गांव’ नाम से बनाया जा रहा यह प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा होने वाला है। यहां हर घर 14,000 से ज्यादा बोतलों पर खड़ा होगा और कुल 120 घर बनाने का निर्णय लिया गया है। यही नहीं इस गांव में सामुदायिक केंद्र, पोविलियन और गार्डन भी बनाया जा रहा है।
‘AC’ लगाने की जरूरत नहीं
आश्चर्य की बात तो यह है कि इन घरों में आपको एसी लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। गर्मी के दिनों में आम घरों के तापमान के मुकाबले प्लास्टिक बोतलों से बने घरों का तापमान काफी कम है। निर्माताओं का दावा है कि मजबूती के मामले में भी कोई समझौता नहीं किया जा रहा।
युवाओं का साथ
इस प्रोजेक्ट का फायदा युवाओं को भी मिला है। निर्माण के काम के लिए कई युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। घरों के साथ साथ प्लास्टिक की बोतलों से स्कूल की इमारतें भी तैयार करने की योजना है। ईंट गारे के मकानों की तुलना में प्लास्टिक से घर बनाना सस्ता है।
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