एक टन प्याज बेचने पर किसान को मिला सिर्फ 1 रुपया!
महाराष्ट्र में हर रोज किसानों द्वारा आत्महत्या की खबरें आती रहती है। अब प्याज की गिरती कीमतें भी खुदकुशी करने जैसी परिस्थितियां उत्पन्न कर रही हैं। महाराष्ट्र के पूणे में एक किसान ने दावा किया है कि उसने एक टन प्याज जिला कृषि उत्पाद समिति में बेचा, जिसके बदले उसे केवल 1 रुपया मिला है।
गिरती कीमतों से किसान परेशान
किसान देवीदास परभाने (48 वर्ष) के मुताबिक उन्होंने 10 मई को 952 किलो प्याज से लदी एक ट्रॉली पुणे की जिला कृषि उत्पाद समिति पर पहुंचाई। 10 किलो प्याज पर किसान को 16 रुपये मिले। इस हिसाब से प्याज की कुल कीमत 1523 रुपये मिला। इसमें से 59 रुपये श्रमिक शुल्क, बिचौलिए के 91.35 रुपए के साथ-साथ 18.55 और 33.30 रुपये विशिष्ट शुल्क लग गया। 1320 रुपये देवीदास ने उस ड्राइवर को दिए, जिसने प्याज को लेकर गया था। कुल मिलाकर 1522.20 रुपये किसान के खर्च हो गए और उसके पास बचा मात्र एक रुपया।
उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला दाम
किसान को तीन रुपये प्रति किलो प्याज बिकने की उम्मीद थी, लेकिन भाव मिला महज एक रुपया साठ पैसे। देवीदास ने अपनी दो एकड़ जमीन पर 80,000 रुपये की लागत से प्याज उगाया था। लेकिन बंपर फसल होने के बाद भी सौदा आधा-पौने दाम पर ही हुआ। जिस प्याज के बदले में आप सब्जी वाले को आजकल 15 से 20 रुपये प्रति किलो दे रहे हैं उस कीमत का कितना हिस्सा प्याज उगाने वाले किसानों तक पहुंच रहा है इसका जीता जागता प्रमाण है।
छोटे आकार के थे प्याज
जब मीडिया ने जब उस व्यापारी से भी बात की (जिसने प्याज खरीदे थे) तो उसने बताया कि प्याज के आकार बहुत छोटे थे और गुणवत्ता में भी काफी कमी थी। यही वजह है कि किसान को प्याज का दाम कम मिला।
फड़णवीस से मिला प्रतिनिधिमंडल
इस विषय पर प्याज व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात की और प्याज की गिरती कीमतों और किसानों की चिंताओं पर गौर करने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह अधिक प्याज के निर्यात की इजाजत दे। प्याज उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए और किसानों को होने वाले भारी नुकसान से बचाने के लिए सरकार अतिरिक्त प्याज की खरीदारी करे।
अधिक हुआ उत्पादन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल 13.88 लाख टन प्याज का अतिरिक्त उत्पादन हुआ है। महाराष्ट्र में 203.15 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ, जिसमें से 42.80 लाख टन प्याज एपीएमसी को बिक्री के लिए भेजा गया। जबकि पिछले साल केवल 35 लाख टन ही भेजा गया था। इससे पता चलता है कि इस साल प्याज का उत्पादन अधिक हुआ है।
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