कैलाश सत्यार्थी : आग हमारे घर में नहीं लगी, यह प्रवृत्ति हमें समाप्त किए जा रही है

0

नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने यहां गुरुवार को कहा कि हम उदासीन हो गए हैं, इसलिए हमारे अंदर आत्महंतक निष्क्रियता (सुसाइडल पैसिविटी) बढ़ती जा रही है। पड़ोस में आग लगने के बाद भी हम यह सोचकर निष्क्रिय बने रहते हैं कि आग हमारे घर में नहीं लगी है, और यह प्रवृत्ति हमें समाप्त किए जा रही है।

  also read : भाजपा कहती कुछ है और करती कुछ और ही है : अखिलेश 

आत्मशक्ति, नैतिकता और सच्चाई का बल संख्या बल से ज्यादा ताकतवर होता है

भारत-यात्रा के तहत मध्यप्रदेश के सांची स्थित बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए सत्यार्थी ने कहा, “आत्मशक्ति, नैतिकता और सच्चाई का बल संख्या बल से ज्यादा ताकतवर होता है और सांची विश्वविद्यालय भारत की आत्मा को जागृत कर रहा है।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक’ विषय पर बोलते हुए कहा

सत्यार्थी ने ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में करुणा, दया और बालक’ विषय पर बोलते हुए कहा, “अनैतिकता और यौन हिंसा की बढ़ती महामारी देश के सामाजिक मूल्यों को खोखला कर रही है, जिसके खिलाफ खड़े होने का वक्त आ गया है।

आग हमारे घर में नहीं लगी है और यह प्रवृत्ति हमें समाप्त किए जा रही है

भारत यात्रा के उद्देश्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमें डर छोड़कर अभय बनना होगा और इसीलिए उन्होंने बच्चों, लड़कियों और अबलाओं की सुरक्षा के लिए संपूर्ण महायुद्ध छेड़ा है।समाज के वर्तमान हालात का जिक्र करते हुए सत्यार्थी ने कहा, “हम उदासीन हो गए हैं, जिस वजह से हमारे अंदर आत्महंतक निष्क्रियता (सुसाइडल पैसिविटी) बढ़ती जा रही है। पड़ोस में आग लगने के बाद भी हम ये सोचकर निष्क्रिय बने रहते हैं कि आग हमारे घर में नहीं लगी है और यह प्रवृत्ति हमें समाप्त किए जा रही है।

उनके पदचिन्हों पर चलकर सत्यार्थी राष्ट्र निर्माण में लगे हुए हैं

वेद और पुराणों का हवाला देते हुए सत्यार्थी ने कहा, “परहित और परपीड़ा को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है और इसीलिए मानव कल्याण और भय के खिलाफ खड़े होना सबसे बड़ा धर्मयुद्ध है।कार्यक्रम के अध्यक्ष और विवि के कुलपति प्रो. यश्वर शास्त्री ने सत्यार्थी का स्वागत करते हुए उन्हें आधुनिक भारत का राष्ट्र संत करार दिया।

कुलसचिव राजेश गुप्ता एवं विवि की डीन सुनंदा शास्त्री भी मौजूद रही

शांति, करुणा, मैत्री और राष्ट्र निर्माण का संदेश बुद्ध ने भी दिया था और उनके पदचिन्हों पर चलकर सत्यार्थी राष्ट्र निर्माण में लगे हुए हैं।कार्यक्रम में एडीजी और कुलसचिव राजेश गुप्ता एवं विवि की डीन सुनंदा शास्त्री भी मौजूद रही। आभार प्रो नवीन मेहता ने व्यक्त किया।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More