हिंदी से है देश की पहचान : रमन सिंह

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गुरुवार 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर जनता को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की पहचान वहां की राष्ट्रभाषा से होती है। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को जारी बधाई संदेश में कहा, “किसी भी देश की पहचान वहां की राष्ट्रभाषा से होती है।

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय एकता की भाषा

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय एकता की भाषा है। अनेकता में एकता वाली हमारी महान भारतीय संस्कृति में हर राज्य की अपनी समृद्ध भाषा और अपनी आंचलिक बोलियां हैं। इन सभी भाषाओं और बोलियों का अपना महत्व है। इन सबके बीच देश में व्यापक रूप से प्रचलित हिंदी भाषा पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है।

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योगदान आम जनता का भी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी भाषा को सशक्त और समृद्ध बनाने में जितना बड़ा योगदान साहित्यकारों और कलाकारों का होता है, उतना ही योगदान आम जनता का भी है। हिंदी चूंकि हमारे संविधान की स्वीकृत राजभाषा है। इसलिए सरकारी काम-काज में इसका इस्तेमाल अनिवार्य रूप से करना चाहिए।

14 सितंबर को हम लोग हिंदी दिवस मनाते हैं

उन्होंने कहा, “15 अगस्त, 1947 को देश की आजादी के बाद देश की संविधान सभा में 14 सितंबर, 1949 को सर्वसम्मति से हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय लिया। इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए हर साल 14 सितंबर को हम लोग हिंदी दिवस मनाते हैं।

प्रवासी भारतीयों और भारतवंशियों की बसाहट है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी न सिर्फ हमारे देश में, बल्कि जहां भी हमारे प्रवासी भारतीयों और भारतवंशियों की बसाहट है, ऐसे कई देशों जैसे-मॉरिशस, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात (दुबई), सहित हमारे पड़ोसी श्रीलंका, चीन, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार और दक्षिण पूर्वी एशिया के कई देशों सहित सुदूर इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे राष्ट्रों में हिंदी भाषा-भाषियों द्वारा इसे लोकप्रिय बनाया जा रहा है।

सर्वेक्षण के अनुसार…

सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया के 40 से ज्यादा देशों के कई विश्वविद्यालयों और स्कूलों में हिंदी भाषा की भी पढ़ाई हो रही है और चीनी भाषा मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया की दूसरे नंबर की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में चिह्नांकित की गई है, जबकि अंग्रेजी तीसरे स्थान पर है।

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