सब्र का मिला फल…वीके सिंह बने मिजोरम के राज्यपाल…

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नई दिल्ली: भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को आखिरकार पार्टी में सब्र करने का मीठा फल मिल ही गया है. 18 वीं लोकसभा चुनाव के दौरान उनका टिकट ग़ज़ियाबाद लोकसभा से काट दिया गया था जिसके बाद कई मौके पर उनका दर्द झलका था. इतना ही नहीं कई बार टिकट कटने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि जातिगत आंकड़ों के चलते उनका टिकट कटा लेकिन अब उनको इसका फल मिल गया है. राष्ट्रपति ने उनको मिजोरम का राज्यपाल नियुक्ति किया है.

हमेशा पार्टी के प्रति रहे वफादार…

बता दें कि वीके सिंह हमेशा पार्टी की वफादार बने रहे हैं. टिकट कटने पर भी उन्होंने खेद व्यक्त किया था लेकिन कहा था कि पार्टी जो भी फैसला लेती है वह देश हित के लिए लेती है. इसलिए उनका टिकट कटने को लेकर उन्हें कोई खेद नहीं है. टिकट नहीं मिलने पर भी उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार किया. इसके अलावा हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पूरे प्रदेश को मथा और चुनाव प्रचार किया.

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मेहनत और सब्र दोनों का मिला फल …

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और सेवानिवृत वीके सिंह को मेहनत और सब्र दोनों का मिला फल मिला है. राष्ट्रपति मुर्मू ने वीके सिंह को मिजोरम का राज्यपाल नियुक्ति किया है. वीके सिंह ने 2014 में भाजपा की सदस्य्ता ग्रहण की थी और लोकसभा चुनाव गाजियाबाद से जीतकर मोदी सरकार में मंत्री बने थे. मोदी सरकार आने के बाद उन्हें विदेश राज्य मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी दी गई थी.

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सेना में सेवा के लिए मिल चुका है मेडल

मई 2019 में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में दोबारा जीत कर आई मोदी सरकार में वीके सिंह सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री बने और जून 2024 तक इस पद पर रहे. मोदी सरकार में वह दो साल तक सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे.

इसके पूर्व सेना में अपनी सेवाओं के लिए जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह को परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल भी मिला था.

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