महादेव की नगरी वाराणसी में क्रिसमस की धूम, गिरजाघरों में हुई प्रार्थना सभा, काटे गए केक
वाराणसी: ईसाई धर्म का सबसे प्रमुख और साल का आखिरी पर्व क्रिसमस महादेव की नगरी में धूमधाम से मनाया जा रहा है. विभिन्न गिरजाघरों में रात 12 बजते ही प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की शुरुआत हो गई, रंग-बिरंगे झालर लोगों को काफी आकर्षित कर रहे थी तो वही मेरी क्रिसमस…, जिंगल बेल… जैसे गीत फिजा में गूंज उठे. गिरजा इसाई धर्म के अनुयाइयों से खचाखच भरे थे. गिरजाघरों की घंटियां बजते ही कैरोल गूंज उठे. गिरजाघरों से लेकर मसीही घरों में प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में केक कटे. छावनी स्थित महागिरजा में प्रभु की चरनी में जन्म की झांकी सजाई गई. यहां बिशप फादर यूजीन जोसेफ ने 70 किलो का केक काटा. बिशप ने बाइबिल का पाठ कर दुनिया में शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की. बुधवार को गिरजाघरों में प्रार्थना सभा हुई. महागिरजा परिसर में तीन दिवसीय क्रिसमस मेला की शुरूआत हुई.
गिरजाघरों में आकर्षक सजावट
शहर के लाल गिरजाघर, तेलियाबाग गिरजाघर, सेंट पॉल गिरजाघर सिगरा, सेंट थॉमस गिरजाघर, लंका, बरेका, शिवपुर, चांदमारी, सुंदरपुर, महमूरगंज आदि गिरजाघरों में भी आकर्षक सजावट की गई थी. प्रभु यीशु के जन्म की झांकी सजाई गई और प्रार्थना सभा हुई. उधर, मसीही बाहुल्य कॉलोनियों व होटलों में भी केक काटकर क्रिसमस मनाया गया. बाइबिल पाठ के जरिये प्रभु यीशु के जन्म, उनके जीवन चरित्र और उनकी महिमा का गान हुआ. पुरोहितों ने मीसा पूजा के साथ पाप की माफी, पाठ व प्रवचन के बाद रोटी व दाखरस पर प्रार्थना हुई. प्रभु यीशु के जन्म के बाद चरनी में रखे प्रभु के बाल स्वरूप को चूमने व छूने के लिए होड़ मची रही. इस दौरान पल्ली पुरोहित फादर अगस्टीन केके, पुरोहित फादर थामस, फादर संजय आदि मौजूद रहे.
शहर से लेकर गांव तक गुलजार
क्रिसमस पर बुधवार को शहर से लेकर गांव तक के गिरजाघरों में प्रार्थना सभा हुई. महागिरजा में बिशप फादर यूजीन जोसेफ ने प्रार्थना कराई. इसके बाद क्रिसमस मेला शुरू हो गया. यहां पर पहली बार बसाए गए क्रिसमस गांव में प्रभु यीशु के जन्म की झांकी सजाई गई है. 10 मिनट के लेजर शो से भी यीशु के जन्म को प्रदर्शित किया जाएगा. इसके अलावा कठपुतली नृत्य, बाइबिल प्रदर्शनी लगी है.
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सेंटा क्लॉज व क्रिसमस ट्री की खूब हुई बिक्री
क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बाजार भी गुलजार रहे. सेंटा क्लॉज के ड्रेस और टोपी के साथ क्रिसमस ट्री की खूब बिक्री हुई. स्कूलों में भी क्रिसमस का आयोजन कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिये उत्सव मनाया गया. क्रिसमस पर पिंडरा में भोजपुरी में कैरोल गाया गया. करीब 250 मसीही परिवार भोजपुरी चर्च में क्रिसमस मनाने के लिए जुटे थे. सभी ने भोजपुरी में कैरोल गाया.