ई-कॉमर्स कर्मियों का होगा बीमा और मिलेगी पेंशन, मसौदा तैयार
देश में ई -प्लेटफार्म वर्कर्स की संख्या डेढ़ करोड़ के पार
देश में ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े कैब ड्राइवर, डिलीवरी ब्वॉय और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से सेवाएं देने वाले करीब डेढ़ करोड़ कर्मचारियों को जल्द ही सरकार की ओर से सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सकता है. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित एक विशेष कमेटी ने इस दिशा में पहल करते हुए सभी संबंधित पक्षों से विस्तृत चर्चा की और एक मसौदा तैयार किया है, जिसे जल्द ही सरकार को सौंपा जाएगा.
ईपीएफओ के जरिए अस्थायी कर्मियों को मिलेगा पेंशन
कमेटी ने इन कामगारों के लिए दो प्रमुख योजनाओं का प्रस्ताव रखा है. पहली योजना के तहत कर्मचारियों को ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के जरिए बुढ़ापे में पेंशन का लाभ मिलेगा. दूसरी योजना के तहत इन्हें आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ दिया जाएगा जिससे उन्हें नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी. इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत इन कामगारों को दुर्घटनाओं में एकमुश्त आर्थिक लाभ देने का भी प्रावधान होगा.
कर्माचारियों पर नहीं पड़ेगा आर्थिक भार
सबसे बड़ी बात यह है कि इन योजनाओं का आर्थिक भार कर्मचारियों पर नहीं पड़ेगा. सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 में स्पष्ट रूप से यह व्यवस्था की गई है कि इसका वित्तीय बोझ कर्मचारियों की जेब पर नहीं आएगा. कंपनियां अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़े इन कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए सहमत हैं . वे कंपनी अधिनियम-2013 के तहत अपने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड से इसमें योगदान करेंगी. इसके लिए उन्हें एक से दो प्रतिशत तक का योगदान करना होगा जिसे इन योजनाओं के क्रियान्वयन में इस्तेमाल किया जाएगा.
देश में ई -प्लेटफार्म वर्कर्स की संख्या डेढ़ करोड़ के पार
नीति आयोग की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्तमान में लगभग 77 लाख कामदेश में ई -प्लेटफार्म वर्कर्स की संख्या डेढ़ करोड़ के पारगार ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेवाएं प्रदान कर रहे हैं
यह संख्या अब बढ़कर डेढ़ करोड़ तक पहुंच चुकी है और 2029-30 तक इसके 2.35 करोड़ तक होने का अनुमान है. इनमें से लगभग 47 प्रतिशत मध्यम कुशल, 22 प्रतिशत उच्च कुशल और 31 प्रतिशत कम कुशल श्रमिक हैं.
कमेटी ने यह सुझाव दिया है कि इस तरह के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जाएं. इनमें जीवन और दिव्यांगता कवर, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य और मातृत्व सुविधाएं, वृद्धावस्था संरक्षा, क्रेच सुविधा, और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित अन्य लाभ शामिल हो सकते हैं.