दोपहर दो बजे पंचतत्व में विलीन होगा फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का पार्थिव शरीर…

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बीती 23 दिसंबर की शाम बॉलीवुड जगत के लिए एक दुखद खबर लेकर आई थी, जिसमें बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता और निर्देशक श्याम बेनेगल का निधन हो गया था. उन्होंने 90 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली. वहीं आज उनका शव अंतिम दर्शन के लिए पेडर रोड स्थित उनके घर पर रखा जाएगा तथा दोपहर 12 बजे अंतिम शवयात्रा निकाली जाएगी. साथ ही शिवाजी पार्क स्थित श्मशान में बेनेगल के शव को मुखाग्नि देकर अंतिम विदाई दी जाएगी.

बेटी ने की थी निधन की पुष्टि

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, निधन से करीब दो दिन पहले वे अपने घर में गिर पड़े थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, चोट के अलावा वे किडनी संबंधित बीमारी से भी ग्रसित थे. ऐसे में चोट के बाद दो दिनों तक कोमा में रहने के बात बीते सोमवार की शाम करीब 6.38 पर उन्होंने अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया.

उनकी बेटी पिया बेनेगल ने उनके निधन की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि उनके पिता और फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का क्रोनिक किडनी रोग के कारण 90 वर्ष की उम्र में मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में निधन हो गया. शाम 6.38 बजे वॉकहार्ट अस्पताल मुंबई सेंट्रल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वह कई वर्षों से क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित थे जो बहुत खराब हो गई थी. यही उनकी मृत्यु का कारण बना. इस खबर के सामने आने के साथ ही फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई थी.

कौन थे श्याम बेनेगल ?

श्याम बेनेगल भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक मशहूर निर्देशक, निर्माता और लेखक थे. उनका जन्म 14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद में हुआ था. वे उन चुनिंदा फिल्म निर्माताओं में से हैं जिन्होंने अपनी फिल्मों में सामाजिक, राजनीतिक और असली मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. श्याम बेनेगल ने भारतीय सिनेमा में एक नया मोड़ दिया, खासकर उनके “न्यू वेव सिनेमा” के योगदान के लिए उनका नाम हमेशा लिया जाएगा.

14 दिसंबर 1934 को हैदराबाद में जन्में श्याम बेनेगल ने फिल्म जगत में अपनी अमिट पहचान बनाई. उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक मशहूर निर्देशक, निर्माता और लेखक के तौर पर जाना जाता है. वे उन चुनिंदा फिल्म निर्माताओं में से हैं जिन्होंने अपनी फिल्मों में सामाजिक, राजनीतिक और असली मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का काम किया. उनकी फिल्मों का मुख्य उद्देश्य समाज के अलग-अलग पहलुओं को दिखाना था, जैसे राजनीति, धर्म और सामाजिक समस्याएं. श्याम बेनेगल की फिल्में पारंपरिक बॉलीवुड फिल्मों से बहुत अलग होती थीं और उन्होंने भारतीय सिनेमा में एक नया दृष्टिकोण पेश किया. उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में “अंकुर” (1974), “निष्कलंक” (1975), “मंडी” (1983), “कलयुग” (1981) और “जुनून” (1978) शामिल हैं.

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इन पुरस्कारों से सम्मानित किए गए बेनेगल

श्याम बेनेगल को उनकी बेहतरीन फिल्मों जैसे “अंकुर”, “मंडी”, “मंथन” आदि के लिए जाना जाता है, जो ज्यादातर 70 और 80 के दशक में आईं. भारत सरकार ने श्याम बेनेगल को 1976 में पद्मश्री और 1991 में पद्मभूषण जैसे बड़े सम्मान दिए थे. उनकी सफल फिल्मों में “मंथन”, “जुबैदा” और “सरदारी बेगम” शामिल हैं. अपने करियर में श्याम बेनेगल ने “भारत एक खोज” और “संविधान” जैसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्री और टेलीविजन शो भी बनाए, जिनमें उन्होंने समाज और इतिहास से जुड़े अहम मुद्दों को उठाया.

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