वाराणसी: उत्तर प्रदेश पुलिस ने फेक न्यूज और साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और अपने सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया पर प्रचारित-प्रसारित करने के लिए ‘डिजिटल वॉरियर्स’ को तैनात किया है. महाकुंभ 2025 के दौरान इस पहल को प्राथमिकता देते हुए इसे प्रदेश भर में लागू किया जा रहा है. पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने सभी विभागाध्यक्षों और कार्यालय प्रमुखों को इस योजना को लागू करने के निर्देश दिए हैं.
युवा सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और छात्रों की भागीदारी
इस पहल के तहत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ-साथ सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी जोड़ा जाएगा. इन युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे फेक न्यूज का खंडन कर सकें. साथ ही साइबर अपराध के प्रति लोगों को जागरूक कर और पुलिस के सकारात्मक कार्यों को प्रचारित कर सकें.
2018 में हुई शुरुआत, 2023 में बड़ा विस्तार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में 2018 में यूपी पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए “डिजिटल वालंटियर्स” को जोड़ा था. 2023 में इस अभियान का विस्तार करते हुए पुलिसकर्मियों के लिए ‘व्हाट्सएप कम्युनिटी ग्रुप्स’ बनाए गए, जिससे फेक न्यूज का खंडन और जागरूकता फैलाने में मदद मिली. वर्तमान में करीब 10 लाख डिजिटल वालंटियर्स और 2 लाख पुलिसकर्मी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं.
चार श्रेणियों में चयन
1. फेक न्यूज का खंडन और साइबर अपराध के प्रति जागरूकता
2. साइबर अपराध पर विशेष जागरूकता अभियान
3. साइबर ट्रेनर के रूप में भूमिका
4. पुलिस अभियानों और सकारात्मक कार्यों का प्रचार-प्रसार
प्रशिक्षण और साइबर क्लब का गठन
डिजिटल वॉरियर्स को प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और पुलिस लाइन्स में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा. इन सत्रों में साइबर विशेषज्ञ, फैक्ट चेकर्स और पुलिस के साइबर सेल के अधिकारी तकनीकी और व्यावहारिक ज्ञान साझा करेंगे.
साथ ही प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में ‘साइबर क्लब’ स्थापित किए जाएंगे, जिनका नेतृत्व एक नोडल अधिकारी करेंगे. इन क्लबों के माध्यम से पोस्टर डिजाइन, स्लोगन लेखन और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएशन जैसी रचनात्मक गतिविधियां कराई जाएंगी.
कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही
डिजिटल वॉरियर्स के चयन में केवल स्वच्छ छवि वाले और विवादों से दूर रहने वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा. चयनित उम्मीदवारों से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे कानून का पालन करने और फेक न्यूज के प्रसार से दूर रहने का वादा करेंगे. यह पहल पूरी तरह स्वैच्छिक और अवैतनिक होगी.
डिजिटल वॉरियर्स के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए, उनके द्वारा बनाए गए गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेंट को सरकारी प्लेटफॉर्म्स पर साझा किया जाएगा. बेहतर प्रदर्शन करने वालों को प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया जाएगा.
स्कूलों में भी बढ़ेगी भागीदारी
फेक न्यूज और साइबर अपराध के खिलाफ आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को शामिल किया जाएगा. हालांकि, ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप में केवल कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को ही चुना जाएगा.
फेक न्यूज और साइबर अपराध के खिलाफ मजबूत दीवार
इस पहल के तहत, प्रत्येक जनपद और मुख्यालय स्तर पर डिजिटल वॉरियर्स के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे. पूरी तरह प्रशिक्षित ये डिजिटल वॉरियर्स फेक न्यूज और साइबर क्राइम के खिलाफ लड़ाई में यूपी पुलिस के लिए एक मजबूत दीवार साबित होंगे.