बीएचयू दीक्षांत: चांसलर मेडल से नवाजे होनहारों ने करियर बनाने के लिए कही ये बात

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बीएचयू दीक्षांत: बीएचयू के 104वें दीक्षांत में पीजी के लिए ईशान घोष और यूजी के लिए प्रज्ञा प्रधान के सिर चांसलर मेडल का ताज सजा. स्व तंत्रता भवन में आयोजित समारोह में मेडल पाकर दोनों मेधानी भावुक दिखे. ईशान को शास्त्रीय गायन में 9.96 और प्रज्ञा को वनस्पति विज्ञान में 9.72 सीजीपीए स्कोर मिले हैं. खास बात ये है कि ये दोनों ही मेधावियों ने रील और स्टेटस ट्रेंड वाली सस्ती लोकप्रियता से दूरी बना कर रखी. इनका अपने कॅरियर में उपयोगी तौर पर इसका इस्तेमाल किया.

सोशल मीडिया अकाउंट के बावजूद इन्हें इसका कोई शौक नहीं है. पूरा दिमाग अपने कॅरियर में कुछ नया और बेहतर करने की ओर ही लगाया. दोनों ही मेधावियों ने अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि और प्रोफेशन से अलग जाकर अपना-अपना कॅरिअर चुना. गायक ईशान के पिता इंडियन ऑयल में फाइनेंस जनरल मैनेजर और प्रज्ञा के पिता की जौनपुर में ज्वेलरी की दुकान है.

बचपन से ही डाली संगीत की आदत

बीएचयू के मंच कला संकाय से शास्त्रीय संगीत में पीजी कर चुके ईशान कोलकाता के निवासी हैं. माता मधुमिता घोष गृहिणी और पिता दुर्गाशंकर घोष फाइनेंस जनरल मैनेजर रहे, लेकिन उन्होंने तीन साल की उम्र में ही अपने बेटे को संगीत की आदत लगा दी. 2019 में उन्होंने बीएचयू के गायन विधा से यूजी में प्रवेश लिया. फिर 2022 में पीजी में एडमिशन लेकर देश भर में अपनी गायकी की विलक्षण प्रतिभा प्रदर्शित की. वे तीन साल की उम्र से गाना गा रहे हैं. मात्र 23 साल की उम्र में उनको म्यूजिक का 20 साल का अनुभव है. ईशान के मुताबिक बचपन में बांग्ला गाना सुनते सुनते उन्हें म्यूजिक का शौक हो गया. कोलकाता से 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद बनारस ही सूझा. क्योंकि सुन रखा था कि गायन के लिए बीएचयू सबसे बेहतर जगह है.

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बीएचयू में प्रैक्टिकल और थ्योरी दोनों को मिलता है महत्व

जौनपुर की प्रज्ञा ने 2021 में बीएचयू आकर वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रवेश लिया. माता संजू प्रधान गृहिणी, पिता संदीप कुमार प्रधान की जौनपुर सिटी में ज्वेलरी की एक दुकान है. दादा वीरेंद्र कुमार प्रधान वकील थे, लेकिन प्रज्ञा इसके उलट प्रोफेसर या फिर वैज्ञानिक बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा, बीएचयू से एमएससी चल रही है. इसे पूरा करने के बाद पीएचडी करूंगी. ट्रेडिशनल बॉटनी में माइकोलॉजी में ज्यादा रुचि है. इसमें फंजाई आता है. प्रज्ञा ने कहा कि बीएचयू का बेस्ट पार्ट है लैब वर्क. यहां पर पढ़ाई के दौरान लैब और थ्योरी दोनों का महत्व दिया जाता है. इसलिए यहां प्रवेश के लिए जद्दोजहद होती है. जैसे क्लास लेक्चर में शैवाल को पढ़ा और तो उसी दिन लैब में उसे दिखाया भी जाता है.

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