बेअसर हुई दुआएं…! 56 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकला मासूम का शव…
राजस्थान के दौसा जिले में तीन दिन से बोरवेल में फंसे 5 वर्षीय आर्यन की मौत हो गई है. बुधवार की रात करीब 11:45 बजे, 56 घंटे के लंबे और जटिल बचाव अभियान के बाद आर्यन को बोरवेल से बाहर निकाला गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. उसके जिंदा होने की आस में तत्काल एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. मासूम के निधन की खबर सुनकर उसकी मां, जो पिछले तीन दिनों से भूखी-प्यासी अपने बच्चे के लिए प्रार्थना कर रही थी, बेसुध होकर गिर पड़ी. वहीं परिवार और स्थानीय समुदाय इस घटना से गहरे सदमे में हैं.
प्रशासन और बचाव दल के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात 2 बजे के बाद से आर्यन की कोई हलचल दर्ज नहीं हो रही थी. हालांकि, मेडिकल टीम ने बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई जारी रखी. बच्चे तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास खुदाई और अन्य तकनीकी प्रयास किए गए, लेकिन सभी विफल रहे. बचाव अभियान के दौरान, बोरवेल से बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव कोशिश की गई. जब खुदाई और अन्य तकनीकें कारगर नहीं हुईं, तो प्रशासन ने हुक के जरिए आर्यन के शरीर को बाहर खींचने का निर्णय लिया.इस प्रक्रिया में सावधानी बरती गई, लेकिन आर्यन की जान नहीं बचाई जा सकी.
56 घंटे चला बचाव अभियान
रेस्क्यू ऑपरेशन में सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोरवेल एक्सपर्ट्स की टीम शामिल थी. बचाव दल ने बोरवेल के समानांतर 150 फीट गहरा गड्ढा खोदा और बच्चे तक पहुंचने के लिए एक सुरंग बनाने की कोशिश की थी. हालांकि, पाइलिंग मशीन के खराब हो जाने और बार-बार तकनीकी दिक्कतें आने से ऑपरेशन बाधित हुआ. जब अन्य सभी प्रयास विफल हो गए, तो दौसा कलेक्टर की अनुमति से हुक के जरिए बच्चे को बाहर निकालने का निर्णय लिया गया. इस प्रक्रिया में काफी सावधानी बरती गई, लेकिन 56 घंटे के इस प्रयास के बाद भी आर्यन को जब बाहर निकाला गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
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कैसे हुआ हादसा ?
दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 9 दिसंबर को यह दर्दनाक हादसा हुआ, जब 5 वर्षीय आर्यन अपनी मां के सामने खुले बोरवेल में गिर गया. यह घटना दोपहर करीब 3 बजे हुई, जब आर्यन घर से केवल 100 फीट की दूरी पर खेल रहा था. बच्चे के बोरवेल में गिरने की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और उसी दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था.