कोरोना के बाद दुनिया नई महामारी ने दी दस्तक, अबतक 140 लोगों की हुई मौत…
जानें क्या है डिजीज एक्स ?
कोरोना वायरस के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिक और डॉक्टर एक बार फिर एक नई चुनौती से चिंतित हैं. अफ्रीका में एक रहस्यमयी बीमारी ने अब तक 140 लोगों की जान ले ली है. वही इसकों लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘Disease X’ नाम दिया है. इसका कारण यह है कि इस बीमारी के बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है. ‘Disease X’ के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इलाज की कमी के कारण अधिकांश मरीज घरों में ही दम तोड़ रहे हैं.
इस बीमारी का प्रभाव सबसे अधिक महिलाओं और बच्चों पर देखा गया है.इसके साथ ही शोधकर्ताओं का कहना है कि ‘Disease X’ का प्रकोप अफ्रीका और एशिया के कुछ वन्यजीव संपर्क क्षेत्रों और घनी आबादी वाले इलाकों में देखा गया है. वैज्ञानिकों को डर है कि, यदि यह बीमारी तेजी से अन्य महाद्वीपों में फैलती है, तो यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर संकट बन सकती है.हालांकि, यह बीमारी अभी तक भारत में नहीं पहुंची है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता जरूरी है. ऐसे में आइए जानते है क्या है डिजीज एक्स ?
क्या है डिजीज एक्स ?
डिजीज एक्स विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओं द्वारा उपयोग किया एक प्लेहोल्ड शब्द है, जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी बीमारी की पहचान नहीं हुई होती है, लेकिन उस बीमारी के महामारी होने की संभावना होती है. आपको बता दें कि, इस शब्द का पहली बार डब्लयूएचओं ने साल 2018 में प्रयोग किया था, जिस दौरान इस शब्द का प्रयोग ग्लोबल हेल्थ प्लानिंग के तहत किया गया था.
इसके बाद साल 2019 में कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में देखा गया था. “डिजीज एक्स” विज्ञान और स्वास्थ्य सुरक्षा क्षेत्रों में सावधानी का संकेत है. कांगो में रिपोर्ट किए गए 376 मामलों में से लगभग 200 5 साल से कम उम्र के बच्चों के हैं, अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक जीन कसेया ने बताया कि, 24 अक्टूबर को क्वांगो प्रांत के पांजी हेल्थ जोन में यह बीमारी पहली बार सामने आई थी.
लक्षण
डिजीज एक्स के सटीक लक्षणों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है क्योंकि यह एक अज्ञात बीमारी है. हालाँकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि, यह SARS, COVID-19 या इबोला जैसे पुराने रोगों की तरह हो सकता है. फिलहाल, डिजीज एक्स से प्रभावित मरीजों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में परेशानी और एनीमिया जैसे गंभीर फ्लू के लक्षण देखे जा रहे हैं. विशेषज्ञों का मत है कि, यह बीमारी सांस संबंधित रोग से जुड़ी हो सकती है.
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ये बीमारी कैसे फैल रही है?
यह बीमारी सामने उस समय पर सामने आई है जब, दुनिया में फ्लू के मामलों में वृद्धि हुई थी. विशेषज्ञों का मानना है कि, यह बीमारी हवा से फैलती है, जो नए रोगजनकों के फैलने की संभावना बढ़ाती है. डब्ल्यूएचओ ने बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए क्वांगो में दवाएं, डायग्नोस्टिक किट और विशेषज्ञ भेजे हैं.
इस बीमारी से कैसे करें बचाव
-नियमित रूप से हाथ धोएं.
-अपने मुंह, नाक और आंखों को छूने से बचें.
– भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाएं.
-रोजाना नींद पूरी करें और फिजिकली एक्टिव रहें.
-रोगों और संक्रमणों से बचने के लिए विटामिन और मिनरल्स से भरपूर भोजन का पालन करें.
-जनोटिक बीमारी से बचाव के लिए उपलब्ध वैक्सीन लगाना अनिवार्य है.