एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक पेश करने की तैयारी में केंद्र सरकार

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘एक राष्ट्र- एक चुनाव’ पहल पर आगे बढ़ रही है, जिसका उद्देश्य देश में एक ही समय में सभी चुनाव कराना है. जानकारी के अनुसार इस पहल के तहत, सरकार मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में एक विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है.
समय, धन और संसाधनों की होगी बचत
सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से समय, धन और संसाधनों की बचत होगी. इसके अलावा, अलग-अलग राज्यों संग केंद्र के चुनाव के चलते बार-बार आदर्श आचार संहिता के कारण होने वाली बाधाओं को भी रोका जा सकेगा.

एक राष्ट्र- एक चुनाव के फायदे…

– समय, धन और संसाधनों की बचत
– आदर्श आचार संहिता के कारण होने वाली बाधाओं को रोकना
– चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि

एक राष्ट्र- एक चुनाव की चुनौतियां

– संविधान में संशोधन की आवश्यकता
– कम से कम छह विधेयकों को पारित करने की जरूरत
– संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता
– विपक्ष की ओर से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताने की संभावना

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बता दें कि सरकार ने पहले ही इस प्रस्ताव पर रामनाथ कोविन्द समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है, जो पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की वकालत करती है. सरकार चाहती है कि विधेयक पर आम सहमति बने, इसके लिए वह सभी हितधारकों की रायशुमारी की योजना बना रही है.

 

Written By – Shakshi Shukla

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