कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री समेत 7 पर रंगदारी और धमकाने का मुकदमा दर्ज…

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज होने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब तक कई पत्रकारों पर विभिन्न आरोपों में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं इसी से संबंधित एक ताजा मामला सामने आया है, जिसमें बीते रविवार देर रात एक पत्रकार सहित सात लोगों पर धमकी देने और रंगदारी मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है.

जानकारी के मुताबित यह एफआईआर सीसामऊ निवासी रिशु मोहन ने पुलिस के पास दर्ज कराई है. उनका कहना है कि एक बार वे अपनी पत्नी के साथ कचहरी गए थे, जहां गांधी नगर पी रोड निवासी अनुज त्रिपाठी ने अपने पत्रकार भाई अभय त्रिपाठी की धौंस दिखाते हुए उन्हें और उनकी पत्नी को धमकाया भी था. उन्होंने आरोप लगाया कि अनुज ने 15 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और रकम नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है.

पत्रकारों पर लगा झूठी खबरें दिखाने का आरोप

रिशु मोहन ने एफआईआर में यह भी आरोप लगाया है कि अभय त्रिपाठी और उनके भाई अनुज यूट्यूब पर झूठी खबरें प्रसारित करते हैं और इस माध्यम से लोगों से पैसा वसूलते हैं. शिकायत में दावा किया गया है कि 10 सितंबर 2019 को दोनों भाइयों ने रिशु और उनकी पत्नी को डरा-धमकाकर 16 चेकों पर हस्ताक्षर कराए थे. एफआईआर में यह भी आरोप है कि दोनों भाई नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके अशोक नगर में “कानपुर जर्नलिस्ट क्लब” के नाम से प्रेस कार्यालय चला रहे हैं. अभय त्रिपाठी इस क्लब के महामंत्री भी बताए जा रहे हैं.

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पुलिस ने कही ये बात

कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला ने बताया कि पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद रिशु मोहन की तहरीर पर अनुज त्रिपाठी उर्फ शरद त्रिपाठी, अभय त्रिपाठी, अनुप्रिया त्रिपाठी और 3-4 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इन पर धोखाधड़ी, रंगदारी, बलवा, गाली-गलौज, धमकी और मारपीट जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है. आरोपी पक्ष की तरफ से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, यह घटना कानपुर में पत्रकारिता और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

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