बांग्लादेश में चिन्मय दास के वकील पर कट्टरपंथियों का जानलेवा हमला, अस्पताल में भर्ती
बांग्लादेश में हाल ही में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें बांग्लादेश के हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण प्रभु का कानूनी बचाव करने वाले वकील रामेन रॉय पर कट्टरपंथियों ने हमला कर दिया है. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने इस हमले को ‘क्रूर’ बताते हुए दावा किया कि, रॉय की एकमात्र गलती यह थी कि वह प्रभु का बचाव कर रहे थे. दास के अनुसार, इस्लामवादियों के एक समूह ने रॉय के घर में तोड़फोड़ की और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. वह फिलहाल आईसीयू में भर्ती हैं और अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
यह घटना बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद हुई है. 25 नवंबर को बांग्लादेश पुलिस ने चिन्मय कृष्ण प्रभु को गिरफ्तार किया था, जिन पर 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने का आरोप लगाया गया था. इस आरोप के बाद उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिससे बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई. 27 नवंबर को चटगांव में एक वकील के साथ भी घातक घटना हुई, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई.
इस्कॉन ने कही ये बात..
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में कई दिनों से विरोध हो रहा है. इस्कॉन संगठन ने इस पर बयान जारी किया और आरोपों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि चिन्मय कृष्ण दास का इस्कॉन से कोई संबंध नहीं है. इस्कॉन ने अपने बयान में कहा कि वह चिन्मय प्रभु के अधिकारों का समर्थन करते हैं और उन्होंने इस प्रकार के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के उनके अधिकारों से कभी भी दूरी नहीं बनाई है.
इस्कॉन ने आगे कहा कि वह अन्य सनातनी समूहों के साथ मिलकर हिंदुओं की सुरक्षा का समर्थन करते हैं और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को शांतिपूर्ण ढंग से रहने का माहौल फिर से बनाने का आह्वान करते हैं. यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा की बढ़ती समस्या को उजागर करती है और इसे लेकर देश में विरोध प्रदर्शन जारी हैं. रामेन रॉय पर हुए हमले और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है और इस प्रकार की घटनाएं वहां के अल्पसंख्यकों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं.