52 साल की प्रियंका गांधी का चुनावी डेब्यू, आज संसद में लेंगी शपथ…

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प्रियंका गांधी वाड्रा आज संसद सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि है. प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज की है, जिसके बाद उन्हें संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का अवसर मिला है. जब वह पद और गोपनीयता की शपथ लेंगी, तो उनके साथ उनके भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी की भी संसद में मौजूदगी रहेगी. शपथ ग्रहण के बाद प्रियंका उन नेताओं की सूची में शामिल हो जाएंगी जिनके परिवार के एक सदस्य ने संसद के किसी भी सदन में पदभार संभाला है.

वायनाड में बड़ी जीत और संसद में प्रवेश

प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जबरदस्त जीत हासिल की. यह उपचुनाव राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट छोड़ने के बाद हुआ था और प्रियंका गांधी ने इस चुनावी मैदान में पहली बार कदम रखा था. प्रियंका ने माकपा के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को चार लाख से अधिक वोटों से हराया. इस जीत के साथ प्रियंका ने संसद में अपनी एंट्री ली और अब वे कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में स्थापित हो चुकी हैं.

प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी, 1972 को नई दिल्ली में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेल्हम गर्ल्स स्कूल से की थी, लेकिन 1984 में अपनी दादी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सुरक्षा कारणों से उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. प्रियंका ने 1993 में दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद, 2010 में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ सदरलैंड से दूरस्थ शिक्षा के जरिए बौद्ध अध्ययन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया.

रॉबर्ट वाड्रा से विवाह और पारिवारिक जीवन

प्रियंका गांधी ने 1997 में रॉबर्ट वाड्रा से शादी की, जो दिल्ली के एक व्यवसायी हैं, दोनों ने 12 साल की दोस्ती के बाद विवाह किया. प्रियंका के दो बच्चे हैं- रेहान वाड्रा और मिराया वाड्रा. उनका परिवार अब राजनीति के अलावा निजी जीवन में भी काफी प्रसिद्ध है.

राजनीतिक करियर की शुरुआत

प्रियंका गांधी ने राजनीति में देर से कदम रखा, हालांकि इससे पहले वह हमेशा अपनी मां और भाई के लिए चुनावी प्रचार करती रही थीं. 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियान को संभाला था और साथ ही राहुल गांधी के चुनावी अभियान में भी मदद की थी. 2019 में प्रियंका ने कांग्रेस पार्टी के महासचिव के रूप में औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में कार्य किया. 2020 में उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया था.

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वायनाड उपचुनाव और प्रियंका गांधी वाड्रा की बड़ी जीत

राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्होंने रायबरेली सीट को चुना और वायनाड सीट खाली कर दी, जिसके बाद वहां उपचुनाव हुआ. प्रियंका ने उपचुनाव में माकपा के सत्यन मोकेरी को 4,10,931 वोटों से हराया. उन्हें कुल 6,22,338 वोट मिले, जबकि सत्यन मोकेरी को 2,11,407 और भाजपा की उम्मीदवार नाव्या हरिदास को 1,09,939 वोट मिले। इस जीत के साथ प्रियंका गांधी ने संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कांग्रेस पार्टी को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया. प्रियंका गांधी वाड्रा का यह संसद प्रवेश उनके राजनीतिक करियर में एक नया अध्याय है, जो भविष्य में कांग्रेस पार्टी के लिए और भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.

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