BHU में जलवायु स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन पर सम्मेलन, समाधान पर करेंगे विचार

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वाराणसी: भारत-वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए जलवायु स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन पर द्विवार्षिक सम्मेलन 28 से 30 नवंबर तक स्वतंत्रता भवन, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी में आयोजित किया जाएगा. यह सम्मेलन भारतीय खरपतवार विज्ञान सोसायटी (आईएसडब्ल्यूएस) द्वारा बीएचयू खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया जा रहा है.

सम्मेलन का उद्देश्य खरपतवार प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जलवायु स्मार्ट समाधानों के महत्व का अवलोकन प्रदान करना है.

खरपतवार एक महत्वपूर्ण खतरा…

खरपतवार प्रबंधन तकनीकों में प्रगति के बावजूद, खरपतवार फसल और गैर-फसल दोनों पारिस्थितिकी प्रणालियों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बने हुए हैं. रासायनिक खरपतवार नियंत्रण सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली विधि बनी हुई है, लेकिन कई खरपतवार प्रजातियों में शाकनाशी प्रतिरोध के उभरने से एकीकृत प्रबंधन प्रथाओं की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगाना आवश्यक हो गया है.

यह वैश्विक जलवायु पैटर्न में बदलाव के कारण खरपतवार प्रबंधन में उभरती चुनौतियों पर जोर देगा. इनमें खरपतवार बनस्पतियों में बदलाव, शाकनाशी प्रभावकारिता में कमी, फसल प्रणालियों में परिवर्तन और आक्रामक और परजीवी खरपतवारों का बढ़ता प्रचलन शामिल है, जिन्हें नियंत्रित करना मुश्किल साबित हुआ है. इसमें निवारक, यांत्रिक, सांस्कृतिक और रासायनिक विधियों सहित खरपतवार प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले 9 तकनीकी सत्र होंगे.

इसके अलावा, उद्योगों को समर्पित एक विशेष सत्र होगा, जिसका उद्देश्य जलवायु-स्मार्ट खरपतवार प्रबंधन के लिए सामान्य समाधान विकसित करना है. सम्मेलन में एक मुख्य व्याख्यान जो की विश्व स्तरीय खरपतवार विज्ञानिक डॉ. राबर्ट एल. ज़िम्दाल द्वारा दिया जायेगा, 3 पूर्ण सत्र, 12 प्रमुख व्याख्यान, 10 आमंत्रित मौखिक व्याख्यान, 122 मौखिक प्रस्तुतियों और 218 पोस्टर पत्र शामिल होंगे.

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जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के उपाय करेंगे साझा

यह सम्मेलन एक प्रमुख वैज्ञानिक समागम होगा, जिसमें विभिन्न देशों के विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के सामने खरपतवार प्रबंधन में चुनौतियों से निपटने के लिए अपने नवीनतम शोध निष्कर्ष, नवीन तकनीक और प्रौद्योगिकी साझा करेंगे. सम्मेलन प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं और उद्योग के लिए नेटवर्किंग के पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा. इसमें कार्यशालाएँ और पैनल चर्चाएँ भी होंगी, जो जलवायु-म्भार्ट खरपतवार प्रबंधन रणनीतियों पर सहयोगी आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करेंगी.

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सम्मेलन में एक स्मारिका जारी की जाएगी, जिसमें विस्तृत वैज्ञानिक विचार-विमर्श और पूरे आयोजन के दौरान साझा की गई जानकारी शामिल होगी. बदलती जलवायु के माथ, कृषि परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, और खरपतवारों का प्रबंधन अधिक जटिल हो गया है. रोपित धान से सीधे बीज वाले धान में बदलाव एक ऐसा उदाहरण है कि कैसे जलवायु परिवर्तन कृषि पद्धतियों को बदल रहा है और खरपतवार प्रबंधन के लिए नई चुनौतियों पेश कर रहा है.

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