कलेक्टर ऑफिस में फांसी फंदा लगाकर आत्महत्या की मांग कर रही महिला पत्रकार, जानें क्या है पूरा मामला ?

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बदन पर साड़ी, हाथ में तकथती और गले में फांसी का फंदा पहने यह कोई साधारण महिला नहीं बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का हिस्सा महिला पत्रकार है, जो पुलिस प्रशासन के घिनौने रवैय्ये से परेशान होकर यह करने पर मजबूर हो गयी है. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह महिला सुर्खिया बटोर रही है. बता दें कि, यह महिला मिर्जापुर की रहने वाली है, इसने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्रशासन से आत्महत्या की अनुमति देने की मांग कर रही है. जिसके लिए महिला पत्रकार सरिता सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट ऑफिल पहुंची और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. जिलाधिकारी को सौपे गए ज्ञापन में महिला पत्रकार ने कहा है कि, अगर उसे न्याय नहीं दिया जाता है तो वह फांसी लगाकर अपनी जान दे देगी और इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

क्या है पूरा मामला ?

कलेक्टर ऑफिस में फांसी फंदा लगाकर आत्महत्या की मांग कर रही महिला पत्रकार, जानें क्या है पूरा मामला ?

महिला पत्रकार सरिता सिंह ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा है कि, बीते 20 नवंबर को मझवां विधानसभा के उपचुनाव में समाचार कवर करने के लिए वो कछवां के जलालपुर गांव पहुंची थी, जहां पर कुछ मतदाताओं को मतदान करने से रोका जा रहा था. सरिता उनके लोगों वर्जन लेने लगी, इस दौरान कछवां थानेदार, एक दरोगा और चार सिपाहियों ने न सिर्फ ऐसा करने से रोका बल्कि उन्हें मारपीट कर जीप में भी बैठा लिया. इसके बाद थाने लेने जाने के बाद भी उनकी बेरहमी से पिटाई की गयी, फिर देर रात उन्हें जलालपुर के पास लाकर पुलिस प्रशासन के कुछ लोग छोड़ गए. वही दूसरे दिन मेडिकल कॉलेज मिर्जापुर में उपचार कराया और इसके बाद जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के लिए उनके ऑफिस पहुंची.

सरिता पर पुलिस ने लगाया गांजा बेचने का आरोप

एडीएम वित्त और राजस्व ने मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी थी. इसी दौरान 22 नवंबर की रात एक पुरुष और एक महिला पुलिसकर्मी सरिता के घर पहुंचे थे. उन्होंने सरिता को बुलाकर कहा कि, उन्हें कुछ जरूरी बात करनी है. इसके बाद वह उन्हें बाइक पर बैठाकर कुछ दूर ले गए. वहां, पुलिसकर्मियों ने एक बोरी में गांजा रखकर फोटो खींचना शुरू कर दिया, फिर एक सिपाही ने सरिता के हाथ में तमंचा थमा दिया और फोटो लेने लगा. सरिता का आरोप है कि, सिपाही ने उन्हें यह कहते हुए बदनाम करने की कोशिश की कि वह पत्रकारिता के नाम पर गांजा बेचती हैं. यह सुनकर जब सरिता शोर मचाने लगीं, तो दोनों आरोपित पुलिसकर्मी वहां से भाग गए. इस दौरान महिला पुलिसकर्मी की टोपी और मास्क वहीं गिर गए.

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”न्याय नहीं मिला, कर लेंगी आत्महत्या”

सरिता ने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि, पुलिस के इस कृत्य से उन्हें गहरा मानसिक आघात पहुंचा है. उनका आरोप है कि पुलिस उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने और एनकाउंटर में मारने की साजिश कर रही है. सरिता ने प्रशासन से न्याय की मांग करते हुए यह भी कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वह आत्महत्या कर लेंगी.

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