संभल हिंसा प्रभावित इलाकों में आज से खुले स्कूल और कॉलेज…
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में हुई हिंसा का मामला अब तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है. हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं और स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है. घटनाक्रम के अनुसार, यह हिंसा सुनियोजित तरीके से भड़काई गई थी. हमलावरों ने पहले पुलिस बल पर पत्थरबाजी की, जिसके कुछ ही मिनटों बाद छतों से पुलिसकर्मियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी गईं. इसके बाद, हिंसक भीड़ ने गाड़ियों में आग लगा दी और पुलिस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
पुलिस ने स्थिति को काबू करने के बाद अब आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है, ताकि उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सके. पुलिस ने छापेमारी का अभियान तेज कर दिया है और आरोपियों को पकड़ने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं.
मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आई सामने
संभल हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और कुछ की मौत भी हो गई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि कुछ मृतकों को 315 बोर की गोलियां लगी थीं, जबकि कुछ शवों में गोलियां शरीर के आर-पार होने का मामला सामने आया है. पुलिस इस घटना की गहन जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गोलियां किस प्रकार के असलहे से चली थीं.
सपा सांसद और विधायक के बेटे समेत 2500 पर एफआईआर
संभल में हिंसा के बाद शांति के बीच सोमवार को पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल सहित 2500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. वही इन दोनों नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने हिंसा को भड़काने और बलवा करने की साजिश रची थी. पुलिस ने अब तक तीन महिलाओं समेत 27 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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पुलिस की कार्रवाई और स्थिति नियंत्रण में…
संभल में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए चार कंपनियां पीएसी और एक कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया है और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. पुलिस लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.डीजीपी मुख्यालय भी हर दो घंटे में संभल पुलिस से रिपोर्ट प्राप्त कर रहा है, जिसे राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जा रहा है. अब जब हालात काबू में आ गए हैं तो, प्रशासन की योजना है कि स्कूल और कॉलेज फिर से खोले जाएं, ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए.