वाराणसी: यूपी कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनने में समय नहीं लगेगा- मुख्यमंत्री
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को उदय प्रताप कॉलेज के 115वाँ स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए समय के प्रवाह के साथ आगे बढ़ने का लोगों से आह्वान किया. कहा कि टेक्नोलॉजी आज बहुत आगे निकल चुकी है. रोबोटिक, ड्रोन, एआई, चैट जीपीटी को लेकर नए कार्यक्रमों के साथ आगे बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि उदय प्रताप कॉलेज अपने को स्वायत्तशासी संस्था अथवा विश्वविद्यालय के रूप में विस्तारित करता है, तो इसका यहां के अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यूपी कॉलेज के लिए सबसे अच्छा अवसर है. शिक्षक और सरकार के साथ प्रस्ताव तैयार करिए. यूपी कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनने में समय नहीं लगेगा. नए पाठ्यक्रम के साथ जोड़ा जाएगा. मान्यता के लिए आपको भटकना नहीं पड़ेगा.
कालेज के योगदान का पूरा देश कृतज्ञ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने एक दिवसीय दौरे पर सोमवार को वाराणसी आये तथा उदय प्रताप कॉलेज के सभागार में आयोजित 115वाँ स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किये. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन के सर्वागीण विकास के क्षेत्र में उदय प्रताप कॉलेज के द्वारा किये गये कार्यों के प्रति उत्तर प्रदेश, बिहार ही नहीं बल्कि पूरा देश कृतज्ञता ज्ञापित करता है.
1909 में इस प्रकार के शिक्षा संस्थान स्थापित करना अपने आप में राजर्षि जूदेव जी के विराट व्यक्तित्व को प्रकाशित करता है. पिछले 115 वर्षों में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में यहां के विद्यार्थियों ने अपना डंका बजाया है. उन्होंने कहा की स्वतंत्रता पूर्व इस प्रकार के शिक्षा संस्थान स्थापित करके राजर्षि जी ने युवाओं की फौज तैयार की. दुनिया के ऐसे किसी देश ने प्रगति नहीं की, जिस देश की युवा शक्ति कुंठित हो. इसलिए जब भी परिवर्तन होगा उसका केंद्र बिंदु हमारे युवा तथा शिक्षण संस्थान ही होंगे.
गर्व से कहो हम हिंदू हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम, श्री कृष्ण तथा स्वामी विवेकानंद, बुद्ध, महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह के युवाकाल के दौरान किये कार्यों को भी उल्लेखित करते हुए युवा शक्ति को झकझोरा. उन्होंने विवेकानंद के शब्द ‘गर्व से कहो हम हिन्दु हैं’ का उल्लेख करते को हुए सनातन धर्म के बारे में कहा. मुख्यमंत्री ने राजर्षि जी 175 वें जन्मदिवस के साल में उनके द्वारा स्थापित किये गये कार्यों को भी सभी के सामने रखा. कहा कि 1909 में राजर्षि जी द्वारा उदय प्रताप कॉलेज तथा 1916 में मालवीय जी द्वारा बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय को स्थापित करके शिक्षा के क्षेत्र में नयी अलख जगाया तथा युवाओं को नयी उपलब्धियों के तरफ अग्रेषित किया. उन्होंने स्थापित संस्थाओं में मान्यता की मांगों को ऑनलाइन करने के साथ ही प्रकिया को सरलीकरण करने पर विशेष जोर दिया.
यूपी कालेज में ऊँचाइयों को छूने की क्षमता
उन्होंने कहा कि उदय प्रताप कॉलेज में पूरी क्षमता है की वो ऑटोनामस संस्थान बने तथा पूरी तरह से नयी ऊँचाइयों को छुए. उन्होंने कहा कि आज टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है तथा युवा पीढ़ी को इन नयी टेक्नोलॉजी से उनको बताना होगा, ताकि उनको नये ज़माने की प्रौद्योगिकी से रूबरू कराए. उदय प्रताप कॉलेज में विश्वविद्यालय बनने की पूरी क्षमता है. विश्वविद्यालय बनकर गुणवत्ता के साथ शिक्षा को आगे बढ़ाये तथा संस्थान को नयी ऊँचाइयों पर ले जाएं, जिसके लिए आप सभी पूरी मेहनत से कार्य करें.
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने राजश्री जूदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. कार्यक्रम में उदय प्रताप कॉलेज शिक्षा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डी पी सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अंगवस्त्रम एवं भगवान श्री राम का चित्र भेट कर उनका सम्मान किया.
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शिवपुराण कथा में हुए शामिल
तत्पश्चात मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ एवं काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।मुख्यमंत्री ने षोडषोपचार विधि से बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया. इसके बाद गंगा द्वार से क्रूज में सवार होकर डोमरी के लिए रवाना हुए. कथा स्थल पर पहुंचते ही मंच पर सतुआ बाबा ने सीएम योगी का स्वागत किया. पूरे पंडाल में जयघोष होने लगा. डुमरी में गंगा किनारे प्रसिद्ध कथावाचक सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा किए जा रहे शिव पुराण कथा स्थल पर पहुंच कर लगभग 4 लाख श्रद्धालुओं के साथ कथा सुनी. मुख्यमंत्री ने शिवमहापुराण कथा में शामिल होने को लेकर खुशी जाहिर की.
उन्होंने कहा कि गंगा किनारे हो रहे शिव पुराण की कथा को भगवान विश्वनाथ, मां अन्नपुर्णा के साथ ही मां गंगा भी इसका श्रवण कर रही हैं. उन्होंने कथा स्थल पर उमड़ी श्रद्धालुओं के सैलाब को इंगित करते हुए पूछा कि कहां है, जाति-पात. योगी ने कहा कि कौन कहता है कि हम आपस में बंटे हैं, कहां जातिवाद है, कहां संप्रदाय का वाद है, कहां उपासना विधि का विवाद है? हम तो सब एक होकर इस कथा के जरिए राष्ट्रवाद में खुद को राष्ट्र के लिए समर्पित कर रहे हैं.