सरकार ने कराया संभल दंगा, CO ने गाली दी तब पत्थरबाजी हुई- अखिलेश यादव
अखिलेश ने सपा सांसद पर हुई FIR का भी मुद्दा उठाया
UP: संभल में हुई हिंसा को लेकर पूरे यूपी में बवाल मचा हुआ है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज अखिलेश यादव के साथ सपा सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की है. सपा सांसदों ने लोकसभा स्पीकर से लोकसभा में संभल हिंसा पर चर्चा कराने की मांग की है. इस दौरान अखिलेश ने सपा सांसद पर हुई FIR का भी मुद्दा उठाया और कहा कि जब वह वहां थे नहीं तो FIR कैसे.
सांसद बैंगलोर में और FIR संभल में…
अखिलेश यादव ने कहा कि सांसद ऐसे कैसे काम करेंगे. बता दें कि संभल हिंसा के बाद से अखिलेश लगातार मुखर रहे हैं. इतना ही नहीं अखिलेश ने कहा कि सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क संभल में मौजूद नहीं थे. वह बैंगलोर में थे. इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई. सरकार ने यह दंगा कराया. कोर्ट ने दूसरे की सुने बगैर सर्वे का आदेश दे दिया.
‘बीजेपी की बात मानोगे तो खाई में गिरोगे’
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि,‘बीजेपी की बात मानोगे तो खाई में गिरोगे’. मुसलमानों को वोट देने से रोका. उनको गाली दी गई. सीओ ने गाली दी और लाठीचार्ज कराया. सपा चीफ ने कहा कि ये वोट लूटने वाले लोग हैं. वोट लूटने की चर्चा न हो इसलिए हिंसा कराई. नाकामी छिपाने के लिए ये सब किया. दबाब बनाने के लिए हजारों लोगों का नाम एफआईआर में डाला.
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CO ने गाली दी और कराया लाठीचार्ज, तब चले पत्थर
कोर्ट के आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए. 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगले दिन 24 तारीख को दोबारा सर्वे किया जाएगा. पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. बदले में पुलिस कॉन्स्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग है.
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रविवार को भड़की थी हिंसा…
दरअसल, संभल में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. इस घटना को लेकर संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान और वहां के विधायक नवाब इकबाल के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इन दोनों लोगों पर आरोप है कि इन्होंने ही हिंसा की साजिश रची जबकि सांसद जिया उर रहमान का कहना है कि वह वहां मौजूद भी नहीं थे. इसके बावजूद भी एफआईआर दर्ज की गई.