संभल हिंसा में सांसद जियाउर रहमान बर्क पर हुई एफआईआर…
यूपी के संभल में बीते रविवार को जामा मस्जिद के दूसरे चरण के सर्वे को लेकर बवाल के मामले में आज सांसद जियाउर रहमान बर्क तथा विधायक इकबाल के बेटे सुहेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. आपको बता दें कि, संभल हिंसा मामले में दो थानों में कुल 7 मुकदमें दर्ज किए गए हैं, जिसमें संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर्ररहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. वही स्थानीय सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल को भी आरोपी घोषित किया गया है. जिनपर दंगाईयों को भड़काने का आरोप लगाया गया है.
साथ ही बता दें कि, संभल हिंसा मामले में पुलिस द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गयी है, वहीं सांसद और विधायक के बेटे समेत 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है, यह मामले संभल के कोतलावी थाना में दर्ज किए गए हैं.
”यह प्री-प्लांड था”- सांसद जिया उर्रहमान
वही इस मामले पर बोलते हुए सपा सांसद जिया उर्ररहमान बर्क ने अपने बयान में कहा है कि, ‘यह प्री-प्लान्ड घटना है, मुस्लिम समाज के लोगों को टारगेट किया जा रहा है. इस देश और प्रदेश के अंदर मुस्लिम असहाय महसूस कर रहे हैं. प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1998 में बना था. उसके बावजूद कानून का पालन नहीं किया जा रहा. सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और गुनहगार पुलिस वालों को सजा मिलनी चाहिए. इतनी क्या जल्दबाजी थी कि, आदेश के एक घंटे के बाद सर्वे किया गया. उन्हें एक समन्वय समिति बनाकर सर्वे करवाना था. यह पुलिस – प्रशासन की साजिश है. उन्होंने खुद वाहनों में आग लगवाई है.’
राहुल गांधी ने की शांति और आपसी सौहार्द की अपील
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता और रायबरेली सांसद राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, ”संभल उत्तर प्रदेश में हालिया विवाद पर राज्य सरकार का पक्षपात और जल्दबाज़ी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हिंसा और फायरिंग में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. प्रशासन द्वारा बिना सभी पक्षों को सुने और असंवेदनशीलता से की गई कार्रवाई ने माहौल और बिगाड़ दिया और कई लोगों की मृत्यु का कारण बना, जिसकी सीधी ज़िम्मेदार भाजपा सरकार है.
भाजपा का सत्ता का उपयोग हिंदू-मुसलमान समाजों के बीच दरार और भेदभाव पैदा करने के लिए करना न प्रदेश के हित में है, न देश के. मैं सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर न्याय करने का अनुरोध करता हूं. मेरी अपील है कि शांति और आपसी सौहार्द बनाए रखें. हम सबको एक साथ जुड़ कर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफ़रत नहीं, एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े.”
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क्या है पूरा विवाद ?
संभल के शाही जामा मस्जिद पर यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू पक्ष ने अदालत में इस मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने का दावा किया. अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए मस्जिद के सर्वे के आदेश दिए थे. 19 नवंबर की रात पहले चरण का सर्वे हुआ था और अब 24 नवंबर को पुनः सर्वे टीम मस्जिद पहुंची थी. मस्जिद कमेटी ने सर्वे की प्रक्रिया के लिए अपनी सहमति दी है और दोनों पक्षों की मौजूदगी में ही यह कार्य किया जा रहा है. इस विवादित मसले को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनातनी बनी हुई है और प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए है. पुलिस ने भीड़ को शांत करने के प्रयास किए, लेकिन घटना ने पूरे इलाके में तनाव को बढ़ा दिया है. ऐसे में हालात को देखते हुए अन्य जिलों की फोर्स संभल के लिए रवाना हो गयी है.