संसद का शीतकालीन सत्र आज से, दो अहम बिल होंगे पेश, हंगामे के आसार

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लोकसभा चुनाव के बाद देश का सियासी माहौल भले ही बदला हो, लेकिन विपक्षी पार्टियों के तेवर अब भी काफी तीखे हैं. इसी वजह से सोमवार से शुरू होने वाला संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार होने की संभावना है. विपक्षी दलों ने सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिनमें अदाणी और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दे शामिल हैं. ऐसे में यह स्पष्ट है कि आगामी सत्र में हंगामा होना तय है.

विधेयकों को लेकर टकराव की संभावना

सत्र के दौरान सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक और एक राष्ट्र-एक चुनाव सहित करीब 16 विधेयकों को पेश करने का संकेत दिया है. इन विधेयकों के संदर्भ में विपक्षी दल पहले से ही सरकार के साथ टकराव की स्थिति में हैं, खासकर वक्फ संशोधन और एक राष्ट्र-एक चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष की आपत्ति बनी हुई है और इस पर गहरी चर्चा हो सकती है.

सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार सरकारः रिजिजू

हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव और विभिन्न उपचुनावों के परिणामों का असर भी संसद सत्र पर देखने को मिलेगा. इस संदर्भ में रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सत्र के कामकाज पर चर्चा की गई. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि, ”सत्र के लिए सरकार ने करीब 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है. इनमें वक्फ संशोधन विधेयक और पंजाब न्यायालय संशोधन विधेयक शामिल हैं. इसके साथ ही सत्र के दौरान एक राष्ट्र-एक चुनाव से जुड़ा विधेयक भी लाया जा सकता है. इसके संकेत पहले ही सरकार दे चुकी है”

रिजिजू ने इसके आगे कहा है कि, ”सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा को तैयार है, वह बिल्कुल नहीं चाहती है कि सदन का समय खराब हो. इस बीच वक्फ संशोधन विधेयक पर जगदंबिका पाल की अगुवाई में गठित जेसीपी भी सत्र के पहले हफ्ते के अंतिम दिन ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.” हालांकि, विपक्ष द्वारा जेपीसी को दिए समय की सीमा बढाने की मांग कर रहा है, वही विपक्ष पार्टियों ने सत्र के दौरान अपनी बाकी मांगों को भी सरकार से समक्ष रखा है. वहीं लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई ने अदाणी रिश्वत मामले की चर्चा प्रमुखता से किए जाने की मांग की है, साथ में मणिपुर हिंसा, उत्तर भारत में वायु प्रदूषण औऱ रेल हादसों को लेकर चर्चा करने की मांग की है.

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सर्वदलीय बैठक में इन नेताओं ने लिया था हिस्सा

वही राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अपने बयान में कहा है कि, ”अदाणी को लेकर अमेरिका में जिस तरह से काम लेने के लिए दो हजार करोड़ की रिश्वत देने के आरोप लगे है, वह गंभीर है. सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा कराकर रिश्वत लेने वाले सभी लोगों को बेनकाब करना चाहिए.साथ ही अदाणी को भी तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित 30 पार्टियों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया. इनमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, टी शिवा, हरसिमरत कौर बादल और अनुप्रिया पटेल जैसे प्रमुख नेता शामिल हुए थे.

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