वाराणसी: जहां गिर रहे नाले, वहां गंगा ज्यादा प्रदूषित – प्रो. बीडी त्रिपाठी
वाराणसी: एनजीटी ने गंगाजल की शुद्धता पर सवाल उठाए हैं. असि और वरुणा नदी की दुर्दशा से जुड़ी 2 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए एनजीटी ने डीएम से पूछा कि क्या आप गंगा जल पी सकते हैं? क्यों नहीं बोर्ड लगा देते हैं कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य नहीं है.
इसी परिप्रेक्ष्य में प्रसिद्ध गंगा वैज्ञानिक प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी से जर्नलिस्ट कफे की खास बातचीत हुई.. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा गंगा उस स्थान पर प्रदूषित है जहां पर अभी भी नाले बंद नहीं हुए हैं. जहां गंगा में नाला गिर रहा हैं उससे 100 मीटर के दायरे में ज्यादा गंदगी है. लोगों को इस भ्रांति से बाहर निकलना होगा की पूरी गंगा प्रदूषित है. आज भी गंगा के बीच का पानी ले लिया जाए तो वह प्रदूषित नहीं है.
गंगा में गंदगी कम हुई
गंगा प्रदूषण नियंत्रण की विशेष आवश्यकता है. ऐसा नहीं है कि एक जगह पानी प्रदूषित हो रहा तो दूसरी जगह नहीं हो रहा है. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या गंगा पहले से साफ हुई है तो उन्होंने बताया कि एक वैज्ञानिक के तौर पर मेरा मानना है कि गंगा में गंदगी बहुत हद तक कम हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति यह मान ले कि हमने गंगा को साफ कर लिया है और 10 साल बाद भी यही स्थिति रहेगी तो ऐसा नहीं है.
गंगा की सफाई के लिए एक सतत प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे आप अपने घर की सफाई प्रतिदिन करते हैं अगर एक हफ्ता छोड़ दिया जाए तो काफि गंदगी इकट्ठा हो जाएगी ठीक उसी प्रकार जी गंगा के संपर्क में करोड़ों लोग हैं प्रतिदिन स्नान करते हैं पानी पीने के लिए, सिंचाई के लिए इन सब चीजों के लिए गंगा का दोहन कर रहे हैं. तो हम लोगों को गंगा के लिए सतत प्रयत्नशील होना पड़ेगा.
सतत प्रयास से गंगा होगी साफ
मिशन नेशनल क्लीन गंगा को हमने कहा था आपकी योजनाएं रोजगार परक होनी चाहिए. जब इस योजना में आप नौजवानों को जोड़ेंगे तो वह गंगा को सतत साफ रखने का प्रयास करते रहेंगे. गंगा को साफ कर लेना किसी एक की बस की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि 2016-17 के बाद से अब तक गंगा में काफी सुधार हुआ है. प्रोफेसर बीडी त्रिपाठी ने छठ पूजा का उदाहरण देते हुए कहा कि अभी आप लोगों ने देखा है की गंगा में कई लाख लोगों ने स्नान किया. गंगा में आचमन भी किया है. उन्होंने आगे कहा कि कभी भी ऐसी खबर नहीं आई की गंगा का पानी पीने से इतने लोग बीमार या मर गए.
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उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं कि पूरी गंगा गंदी हो गई है, पानी पीने लायक नहीं है आदि बातें करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि जो गंगा के आस्थावान है उनकी आस्था के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है कि पूरी की पूरी गंगा जहरीली हो गई है. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी पूरी तैयारी करके नहीं गए होंगे जिसके कारण वह जवाब नहीं दे पाए होंगे. अगर वह तैयारी करके जाते तो वह जवाब दे पाते कि पूरी की पूरी गंगा प्रदूषण नहीं है. उन्होंने लोगों को आगाह कहते हुए कहा कि इस तरह का भ्रामक प्रचार नहीं करना चाहिए. 13 दिसंबर को पुनः इस पर जिलाधिकारी से बातचीत होगी. जिलाधिकारी हमसे सलाह लेंगे तो उन्हें सही आंकड़े और सही सलाह दी जाएगी.