वाराणसी: नकली करेंसी के बांग्लादेश कनेक्शन का खुलासा, महाकुंभ में खपाने की कोशिश, दो गिरफ्तार

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वाराणसी में मंगलवार की रात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने एक लाख 97 हजार रुपये की नकली करेंसी के साथ दो तस्करों को सारनाथ इलाके से गिरफ्तार किया. दोनों से पूछताछ में नकली करेंसी का बांग्लादेश कनेक्शन और महाकुंभ में इसे खपाने का खुलासा हुआ है. गिरफ्तार आरोपितों की पहचान बिहार के वैशाली जिले के इसीयूटा थाने के नारीकला के मोहम्मद सुलेमान अंसारी और सदर थाने के फतेहाबाद के इदरीश के रूप में हुई है. पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे टायर का पंक्चर बनाते थे. कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लालच में फेक करेंसी की तस्करी करने लगे.

बरामद 1.97 लाख में सभी नोट 500 के

दोनों प्रयागराज में महाकुंभ में उमड़ने वाली भीड़ में नकली नोटों को खपाने की योजना के साथ पश्चिम बंगाल से चले थे. सभी जाली नोट 500 – 500 के हैं. कोलकाता से वे पीडीडीयू नगर जंक्शन आए. इसके बाद दोनों बनारस घूमने आए थे. बनारस घूमने के बाद दोनों को प्रयागराज जाना था. यूपी-एटीएस को सूचना मिली थी कि एक गैंग पश्चिम बंगाल के जाली भारतीय नोट तस्कर गिरोह के संपर्क में है. गिरोह बांग्लादेश से नकली भारतीय मुद्रा लाकर उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के अलग-अलग जनपदों में सप्लाई करता है. पिछले आठ साल में तस्कोरों ने 22 जिलों में नकली नोटों की खेप पहुंचाई है.

सूचना को विकसित किया गया तो पता लगा कि मोहम्मद सुलेमान अंसारी द्वारा एक गिरोह संचालित किया जा रहा है. यह गिरोह पश्चिम बंगाल के मालदा से अपने कैरियरों के द्वारा और खुद भी जाली भारतीय नोट लाकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सप्लाई कर रहा है. सूचना के पुष्ट होने पर एटीएस की फील्ड इकाई वाराणसी ने सारनाथ क्षेत्र से मोहम्मद सुलेमान अंसारी और उसके सहयोगी इदरीश को 1,97,000 रुपये की जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया.

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एक लाख खपाने पर 25 प्रतिशत मिलता था कमीशन

जांच एजेंसियों की पूछताछ में तस्कारों ने बताया कि एक लाख के नकली नोट खपाने पर 25 प्रतिशत कमीशन मिलता था. यानी एक लाख चलाने पर 25 हजार रुपये मिलते थे. आरोपित मोहम्मद सुलेमान अंसारी को पिछले साल भी नकली नोटों के साथ बिहार पुलिस ने दबोचा था. इसमें वह छह माह हाजीपुर जेल में बंद रहा था.

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