जस्टिस गिरिधर मालवीय की चेतना में भारतीय मूल्यों का था अधिवास : डॉ. अनिल कुमार सिंह

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वाराणसी: “जस्टिस गिरिधर मालवीय के निधन से समस्त शिक्षा जगत को एक ऐसी अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई सम्भव नहीं है. वे महामना मालवीय की तरह ही उदार प्रवृत्ति के थे. उनकी चेतना में भारतीय मूल्यों का अधिवास था।” यह विचार‌ भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख डॉ. अनिल कुमार सिंह ने व्यभक्तस किए. वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं न्यायाधीश पंडित गिरधर मालवीय के आकस्मिक निधन पर भारतीय शिक्षण मंडल, काशी‌ प्रांत के केशवकुंज कार्यालय में आयोजित एक शोकसभा में बतौर अध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे.

दिखाए मार्ग पर चलाना सच्ची श्रद्धांजलि

शोकसभा में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय प्रमुख प्रो. हरेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार को ऐसा सबल नेतृत्व विरले प्राप्त होता है और मालवीय जी के दिखाए मार्ग पर सदैव चलना ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी. भारतीय शिक्षण मंडल, काशी प्रान्त के महामंत्री डॉ. अशोक कुमार ज्योति ने कहा कि वे न्यायप्रियता, सर्वसुलभता और समावेशी विकास के सिद्धांतों के सबल मूर्त रूप थे. डॉ. रमेश कुमार सिंह, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने कहा कि मालवीय जी का पूरा जीवन समग्र त्याग, समर्पण और समृद्धशाली सम्पर्क के लिए आजीवन प्रतिबद्ध था और शैक्षणिक जगत् ऐसे महापुरुष को सदैव याद करेगा.

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महिलाओं के उत्थान में थे प्रयत्न्शील

शोकसभा में विचार व्यक्त करते हुए प्रो. रचना शर्मा, महिला आयाम प्रमुख, भारतीय शिक्षण मंडल, काशी प्रान्त ने कहा कि जस्टिस गिरिधर मालवीय में पंडित मदन मोहन मालवीय जी की छवि दिखाई देती थी और महिला समाज के उत्थान में वे सदैव प्रयत्नशील रहते थे. इस अवसर पर सह-मंत्री सचिन कुमार सिंह ने उनके सामाजिक और न्यायिक जीवन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. शोकसभा में भारतीय शिक्षण मंडल से जुड़े अन्य सदस्यों ने भी अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं.

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