वाराणसी पुलिस ने 3500 से अधिक फोन नंबर किए ब्लॉक, सीपी ने की साइबर अपराध समीक्षा
साइबर अपराध में दिनों दिन वृद्धि हो रही है. इस पर अंकुश लगाने की दिशा में युपी पुलिस नित नये नये प्रयोग भी कर रही है. इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं. खास कर साइबर अपराध में प्रयुक्त फोन नंबरों पर लगाम कसी जा रही है. वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि साइबर अपराध में प्रयुक्त होने वाले फोन नंबरों को ब्लॉक कराया जा रहा है. इस क्रम में इस साल अब तक वाराणसी पुलिस द्वारा 3500 से अधिक फोन नंबरों को ब्लॉक कराया गया है.
63 गिरफ्तारी, 5 करोड़ की रिकवरी
इसी तरह से इस वर्ष अब तक साइबर क्राइम से संबंधित 117 मुकदमों में 63 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. साथ ही पांच करोड़ 35 लाख रुपये की रिकवरी की गई. पुलिस आयुक्त ने बताया कि सोमवार को मातहतों संग वाराणसी कमिश्नरेट के साइबर अपराध की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में साइबर अपराधियों पर लगाम कसने के निर्देश दिए गये. साथ ही लोगों को जागरूक करने की बात भी कही गई.
साइबर अपराधियों की खोलें हिस्ट्रेशीट
पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर अपराध में पकड़े गए अपराधियों की निगरानी के लिए उनकी हिस्ट्रीशीट खोली जाए. साइबर फ्रॉड से पीड़ित लोगों का पैसा वापस कराना पुलिस की प्राथमिकता हो. साइबर अपराध के प्रत्येक मुकदमे की तह तक जाकर पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जाए.पुलिस आयुक्त ने कहा कि गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों के बारे में उनके जनपद के पुलिस अधीक्षक को भी सूचित किया जाए, ताकि वह भी उनकी निगरानी करा सकें.
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“Cyber Security Awareness Cell” के गठन का निर्देश
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने सोमवार को कमिश्नरेट में साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस सेल के गठन के निर्देश दिए. इसके लिए साइबर क्राइम थाने में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों के तौर पर पांच इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर और 10 कांस्टेबल को तैनात किया जाएगा. यह टीम प्रत्येक दिन एक स्कूल जाकर छात्र-छात्राओं को साइबर फ्रॉड से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करेगी. साथ ही साइबर क्राइम की घटनाओं के खुलासे में अहम भूमिका निभाएगी. समीक्षा बैठक में अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) श्रुति श्रीवास्तव और साइबर क्राइम थाना व साइबर सेल के प्रभारी मौजूद रहे.