”समोसा विवाद” के बीच जानें इसका इतिहास और यह कैसे पहुंचा भारत की पूरी कहानी ?

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भारत लजीज व्यंजन समोसा का जिक्र अभी तक मात्र स्वाद के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब इसका नाम विवाद से जुड़ गया है और अब तो इस पर सीआईडी जांच भी होने जा रही है. जी हां, हिमाचल में सीआईडी मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खु के लिए आए समोसे औक केक को उनके सुरक्षाकर्मियों में बांटे जाने के बाद विवाद खड़ा हुआ और अब इसकी जांच सीआईडी को सौंपी गयी है. लेकिन इस पूरे विवाद के बीच आज हम जानेंगे कि, आखिर समोसे का इतिहास क्या है और यह भारत कैसे आया ?

ईरान में हुई समोसे की उत्पत्ति …

समोसे का इतिहास खंगालने पर मिलता है कि, बीते कई दशकों से भारत की लोकप्रिय व्यंजन समोसे की उत्पत्ति ईरान में मानी जाती है. वहां पर इसे संबुश्क नाम से जाना जाता है. इस बात का जिक्र फारसी इतिहासकार अबुल फजल बेहकी ने 11 वीं शताब्दी में किया था. ऐसा मानते है कि सबसे पहले समोसे को महमूद गजनवी को परोसा गया था. उस समय समोसे की भरावन में आलू की स्टफिंग की जगह पर कीवा, मेवे और फल का भरावन हुआ करता था. हालांकि, यह भी माना जाता है उस समय पर इसका आकार तिकोना नहीं हुआ करता था, इसको यह आकार भारत आने पर दिया गया है.

भारत पहुंचने से पहले समोसे का यह था आकार

बताया जाता है कि भारत पहुंचने के बाद समोसे ने एक नया रूप अपनाया और यहां पर समोसे को आलू की स्टफिंग के साथ तिकोना आकार दिया गया. बताते हैं कि, सोलहवीं सदी में पुर्तगालियों ने भारत में आलू वाले समोसे की शुरूआत की थी. इसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया था और फिर यह आज तक भारत के लोकप्रिय व्यंजनों में से एक माना जाता है.

भारत में इन नामों से जाना जाता है समोसा

समोसा भारत के लगभग हर राज्य में खाया जाने वाला व्यंजन है, लेकिन इसको हर राज्य में अलग – अलग नामों से जाना जाता है. वहीं राज्यों में बदलाव के चलते स्वाद में कुछ बदलाव मिलता है, लेकिन पाया अधिकांश राज्य में जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि विभिन्न राज्यों में समोसे को किन-किन नामों से जाना जाता है.

उत्तर भारत

भारत के उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, आदि में इसे समोसे के नाम से ही जाना जाता है और यहां पर इसमें आलू की चपटी स्टफिंग भरी जाती है.

महाराष्ट्र

वैसे तो महाराष्ट्र में ही इसे समोसा ही कहा जाता है, लेकिन कई सारे स्थानों पर इसे सावाजी के नाम से जाना जाता है.

गुजरात

गुजरात में समोसा को “संभूसा” कहा जाता है. यहां इसका स्वाद कुछ हल्का और मीठा भी होता है और यह अक्सर नमकीन के साथ खाया जाता है.

तमिलनाडु

तमिलनाडु में इसे भी समोसा ही कहते हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर इसे स्थानीय नाम सेंगाल से पुकारा जाता है.

बिहार और पश्चिम बंगाल

बिहार और पश्चिम बंगाल में इसके स्वाद में बिल्कुल बदलाव नहीं होता है, लेकिन इन दोनों स्थानों पर समोसे को सिंघाड़ा के नाम से जाना जाता है.

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भारत में रोज बिकता है 60 मिलियन समोसा

वही बात करें अगर समोसे बाजार की तो, भारत में हर दिन करीब 60 मिलियन समोसे की बिक्री होती है. वहीं अनुमान है कि यह दर साल 2025 तक करीब 750 मिलियन तक पहुंच सकती है. साथ ही अनुमान है कि, भारत में हर रोज करीब 7 करोड़ से अधिक लोग रोजाना समोसा खरीदकर खाते हैं. यही वजह है कि भारत में समोसे का एक बहुत बड़ा बाजार है.

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