Chhath 2024: देवाधिदेव की नगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब, डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
वाराणसी: देवाधिदेव महादेव की नगरी कशी में आज महापर्व छठ के मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. काशी में घाटों, तालाबों, कुंड और सरोवर के पास लाखों की संख्या में श्रद्धालु अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पहुंचे हैं. पूरी काशी मिनी बिहार के रूप में तब्दील हो गई है. काशी में लोक आस्था का महापर्व डाला छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है.
डूबते सूर्य को दिया गया अर्घ्य …
बता दें कि महापर्व छठ पर आज डूबते सूर्य को महिलाएं और श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया. इसके लिए काशी में गंगा घाटों व सरोवरों के किनारे आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. व्रती महिलाएओं ने भगवान भास्कर की आराधना कर पुत्रों की दीर्घायु, पुत्र प्राप्ति व घर-परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की. घाटों पर श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में प्रशासनिक अमला पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है.
पानी में खडे होकर की आराधना…
डाला छठ की शुरूआत मंगलवार को नहाय-खाय से हो चुकी है. बुधवार को व्रती महिलाओं ने पूरे विधि विधान के साथ वेदी पूजन किया. वहीं रात में गुड़ की बनी खीर व पूरी खाकर 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरूआत की. कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन गुरुवार की शाम डूबते सूर्य को जल और गाय के दुध से अर्घ्य दिया गया. इस दौरान व्रती महिलाएं घण्टो पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर की आराधना की. इसके लिए दोपहर बाद से ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी.
परिवार के साथ घाटों पर पहुंची महिलाएं…
व्रती महिलाएं व उनके परिवार के लोग घरों से बांस की बहंगी में ठेकुआ, मिठाई, फल-फूल के साथ घाटों पर लेकर पहुंचे थे. घाटों की भव्यता व दिव्यता देखते बन रही थी. घाटों पर अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी थी. महापर्व के मद्देनजर अस्सी घाट पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रही. इस दौरान घाटों पर चार एसीपी तथा डीपी स्वयं मौजूद थे जो घाट का स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे थे. पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के कारण किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना नहीं हुई.
वेदी घेर कर दीप जले
शाम से ही घाटों पर वेदी को घेर कर महिलाओं ने मंगल कामना को लेकर दीप जलाई. उसके बाद गंगा में स्नान किया. परिवार की अन्य महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर भी लगाया. सूर्यास्त के समय व्रती महिलाएं हाथ में पूजा का सूप लेकर जल में प्रवेश किया. परिवार के सदस्य व अन्य लोग सूप पर जल और दुध गिराकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. शुक्रवार की सुबह उगते हुए सूर्य को दूध से अर्घ्य देने के साथ महापर्व का समापन होगा. इसके बाद महिलाएं कठिन निर्जला व्रत का पारण करेंगी.
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घाट पर पहुंची विभिन्न महिलाओं ने छठ पूजा को सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व बताया. वहीं महिलाओं ने कहा थी छठ पूजा जो पूरे आस्था और विश्वास के साथ करता है उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है. परिवार मे सुख समृद्धि और एश्वर्य बना रहता है. कई महिलाओं ने बताया कि हमारे परिवार में कई पुश्तो से यह पूजा होती चली आ रही है. जिसके कारण इस परंपरा का निर्वहन करते हुए हम लोग भी आज इस पर्व को मना रहे हैं.
मेला में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम…
ACP सुरक्षा व्यवस्था ने बताया कि, छठ प्रांगण में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है. प्रांगण को सेक्टर और जोन में बाँटकर सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए है. जगह- जगह पर निरीक्षक, पुलिस अधिकारी, थानशिकष समेत पुलिस आरक्षी के साथ जल पुलिस और पास के लोगों को तैनात किया गया है.
जगह जगह पर पुलिस निगरानी कर रही है जिसके चलते अभी तक कोई घटना नहीं हुई है. सुरक्षा व्यवस्था चक- चौबंध है वहीँ जनता को आने – जाने में कोई दिक्कत नहीं है पुलिस सबका सहयोग कर रही है.