वाराणसी में सामूहिक हत्याकांड: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैरतंगेज खुलासा, सभी को मारी 15 गोलियां

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वाराणसी में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या में नित नये खुलासे हो रहे हैं. वारदात के 36 घंटे बाद पांचों शवों का पोस्टमार्टम संभव हो सका. इसके बाद जो पोस्टयमार्टम रिपोर्ट आई, उसने पुलिस को हैरान कर दिया है. शहर के घनी आबादी वाले भदैनी क्षेत्र में इस सामूहिक नरसंहार को अंजाम दिया गया. इस वारदात में राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू, बेटों नमनेंद्र व सुबेंद्र और बेटी गौरांगी की हत्या करने के लिए 15 गोली मारी गई थी.

इस प्रकरण की खास बात यह रही कि सभी के शव मिलने के लगभग 11 घंटे बाद एक परिचित की तहरीर पर मंगलवार की रात सिर्फ चार लोगों की हत्या का मुकदमा भेलूपुर थाने में दर्ज किया गया. वहीं, पोस्टमार्टम लगभग 36 घंटे बाद बुधवार की रात आठ बजे शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा. सबसे ज्यादा चार-चार गोली नीतू और उसके बड़े बेटे नमनेंद्र को मारी गई थी. वहीं इस सामूहिक हत्याकांड में परिवार का एक किरदार शक के दायरे में है, कयोंकि राजेंद्र गुप्ता का बडा भतीजा विक्की बताये जाने वाले शख्सब से पुलिस का संपर्क नहीं हो सका है. वहीं छोटा भतीजा प्रशांत उर्फ जुगनू पुलिस हिरासत में है.

क्या कहती है पीएम रिपोर्ट

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अर्धनग्न मिले राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 3 गोली मारी गई थी. दो गोली उनकी दाईं कनपटी और एक गोली सीने पर मारी गई थी. उसके बड़े बेटे नमनेंद्र को चार गोली मारी गई थी. दो गोली सिर पर और दो गोली सीने पर मारी गई थी. राजेंद्र की पत्नी नीतू को चार, उनकी बेटी गौरांगी को दो और छोटे बेटे सुबेंद्र को दो गोली मारी गई थी. डॉक्टरों ने बताया कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया देर रात तक चली.

राजेंद्र की हत्या के बाद बाकी को सुलाया मौत की नींद

वाराणसी पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में यह सामने आया है कि पहले राजेंद्र की गोली मार कर हत्या की गई. फिर, उसकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या की गई. हत्यारे नहीं चाहते थे कि राजेंद्र के परिवार का कोई शख्स बदला लेने के लिए बचे. उधर, पोस्टमार्टम में देरी को लेकर पुलिस का कहना था कि मंडलीय अस्पताल की एक्स-रे मशीन खराब थी. एक्स-रे से स्पष्ट हो जाता कि किसे कहां गोली लगी है, इसीलिए शव पहले वहां ले जाया गया था. इसके बाद पांचों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया.

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पीएम में देरी होने पर खिसक लिए रिश्तेदार

राजेंद्र के कई रिश्तेदार पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. लेकिन जब उन्हें पता चला कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में काफी देर लगेगी तो सभी धीरे से खिसक लिए. परिजनों ने कहा कि भेलूपुर थाने की पुलिस अभिरक्षा में राजेंद्र का भतीजा जुगनू है, वही हरिश्चंद्र घाट पर सबकी अंत्येष्टि करेगा. रात एक बजे के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर सिर्फ पुलिस ही नजर आई और राजेंद्र के रिश्तेदार नहीं थे.

बेगुनाह न फंसे, पुलिस करेगी क्राइम सीन का री-क्रिएशन

राजेंद्र, उसकी पत्नी और बच्चों की हत्या में कितने शूटर शामिल थे और किसने यह जघन्य वादरात कराई, यह पुलिस के लिए अहम सवाल है. पुलिस को अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि शूटर राजेंद्र के घर के आगे के रास्ते से आए थे या पीछे के रास्ते से आए थे. इसके लिए पुलिस विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम के साथ राजेंद्र के भदैनी और मीरापुर रामपुर स्थित घर में क्राइम सीन री-क्रिएट करेगी. साथ ही इसका उद्देश्य यह भी है कि कोई बेगुनाह इसमें न फंसे.

यह थी वारदात

वाराणसी के भलेपुर क्षेत्र के भदैनी में एक ही परिवार के चार सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई. भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला मकान के अलग-अलग तल से मंगलवार की सुबह एक महिला, उसके दो बेटों और एक बेटी का शव मिला था. सभी की सिर और सीने में गोली मारी गई थी. घटनास्थल से लगभग 12 किलोमीटर दूर रोहनिया के मीरापुर रामपुर स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला के पति राजेंद्र गुप्ता का अर्धनग्न शव बेड पर मिला था.

उसे भी गोली मारी गई थी. दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है. पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है. मृत राजेंद्र पर अपने पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी के साथ ही एक चौकीदार की हत्या का आरोप था. पुलिस अब तक सैकडों सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है लेकिन किसी खास नतीजे पर अब तक नहीं पहुंची है.

दीवाली के दिन ही मारने की थी साजिश

पुलिस सूत्रों की माने तो दिवाली के दिन ही पूरे परिवार को खत्मस करने की साजिश थी, लेकिन किसी कारणवश वारदात को उस दिन अंजाम नहीं दिया जा सका. पुलिस की जांच जैसे – जैसे आगे बढ रही है प्रकरण में नये ट्वीस्टि सामने आ रहे हैं. खास बात यह है कि राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और तीन बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र व गौरांगी की हत्या के बाद परिवार का बड़ा भतीजा विशाल उर्फ विक्की लापता है. उसके सभी मोबाइल फोन बंद हैं. वह किसी के संपर्क में भी नहीं है. ऐसे में पुलिस का शक विक्की पर गहरा गया है. पुलिस को उम्मीद है कि विक्की के पकड़े जाते ही एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी.

राजेंद्र की मां ने कहा अक्सर विवाद करता था विक्की

वहीं, मृत राजेंद्र की मां बुजुर्ग शारदा देवी ने पुलिस को बुधवार को बताया कि उसके मृत छोटे बेटे कृष्णा का बड़ा बेटा विक्की अक्सर राजेंद्र से विवाद करता था. वह कहता था कि उसे उसका हिस्सा सही ढंग से नहीं मिला तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा. विक्की दीपावली के दिन ही राजेंद्र का काम तमाम करने की बात कह रहा था. उधर, विक्की की तलाश में पुलिस की पांच टीमें दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरू और तमिलनाडु रवाना की गई हैं. राजेंद्र सहित उसके परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के बाद जुगनू सहित परिवार और रिश्तेदारी के अन्य सदस्य आ गए, लेकिन विक्की का कहीं कोई पता नहीं लगा. पुलिस वारदात का मास्टरमाइंड उसे ही बता रही है. कह रही है कि विक्की ने ही शूटरों की मदद से राजेंद्र के परिवार को ठिकाने लगाया है. उसकी राजेंद्र से व्यक्तिगत रंजिश भी रही.

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वीडियो कैमरे के सामने मां ने दी पुलिस को जानकारी

राजेंद्र की मां शारदा देवी ने बुधवार को पुलिस को वीडियो कैमरे के सामने बताया कि दीपावली से पहले विक्की उनसे मिलने आया था. विक्की कहता था कि उसे और उसके भाई जुगनू को बड़े पापा ने जायदाद से बेदखल कर भिखारी की औलाद कहा था. दीपावली पर बड़े पापा और उसके परिवार को खत्म कर देंगे. शारदा देवी ने कहा कि उन्होंने विक्की को समझाया था कि अब उनका एक ही बेटा बचा है, उसे छोड़ दो और अच्छे से रहो. मगर, वह उनकी बात मानने को तैयार नहीं था. हालांकि, उसने बीते तीन नवंबर को वापस काम पर जाने की बात भी कही थी.

मां-बाप की हत्या के समय विक्की को भी लगी थी गोली

पूछताछ में जुगनू ने पुलिस को बताया कि 1996-97 में उसके मां-बाप, बाबा और उनके चौकीदार की हत्या बड़े पापा राजेंद्र ने कराई थी. मां-बाप की हत्या जब हुई थी, तब वह ढाई साल का था और उसका बड़ा भाई विक्की सात साल का. मां-बाप की हत्या के दौरान उसे भी पेट में गोली लगी थी, लेकिन वह बच गया था. उसके बड़े पापा और विक्की के बीच अच्छे संबंध नहीं थे. दोनों के बीच अक्सर विवाद भी होता रहता था. हालांकि उसने राजेंद्र सहित उसके परिवार के सदस्यों की हत्या की घटना से अनभिज्ञता जताई.

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