झाड़ियों में खींच शरीर नोंचा और बीच रास्ते अर्धनग्न अवस्था में फेंका…दिल्ली में निर्भया कांड -2
दिल्ली में एक बार फिर से निर्भया कांड दोहराया गया है. इस रेप कांड में भी तीन आरोपियों ने सामाजसेवी युवती को अपना शिकार बनाया है. बताया जा रहा है कि यह घटना दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय से कुछ मीटर दूर आईटीओ के पास हुई है. इसमें तीन दरिंदों ने उड़ीसा की रहने वाली समाजसेवी युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है. इतना ही नहीं ऑटो को शहर में दौड़ते हुए दिल्ली के कई इलाकों में सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. उधर बार-बार दुष्कर्म की वजह से युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद घटना में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
अक्टूबर महीने में हुआ था कांड
आपको बता दें कि बीते 10 व 11 अक्टूबर की रात इस घटना को अंजाम दिया गया था. बताते हैं कि युवती 10 व 11 अक्टूबर की रात पुरानी दिल्ली पुलिस स्टेशन से निकलकर रात करीब नौ बजे आईटीओ पहुंचीं थी. वहां आरोपी प्रमोद व शमशुल युवती को गलत इरादे से मेट्रो स्टेशन के पास अंधेरे में झाड़ियों में खींचकर ले जा रहे थे. उसी दौरान ऑटो चालक प्रभु ने उन दोनों को यह करते देखा और उनके साथ हो लिया.
इसके बाद तीनों ने मिलकर युवती का सामूहिक बलात्कार किया. आरोपियों ने पीड़िता के शरीर को नोंचा और मारपीट भी की. इसके बाद उनकी दरिंदगी यहीं नहीं रूकी. ऑटो चालक प्रभु ने युवती को ऑटो में डाला औऱ रिंग रोड व फिरोशाह कोटला किले के पीछे सर्विस रोड पर ले गया. उसने वहां भी कई बार युवती के साथ रेप व दरिंदगी की. इसके बाद आरोपी उसे अर्धनग्न अवस्था में बीच सड़क पर डालकर फरार हो गया.
राहगीरों को युवती पर नहीं आई दया
अपने साथ ही बार-बार दरिंदगी की वजह से युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया. इसके बाद कुछ देर तक बीच सड़क पर पड़ी रही. लेकिन वहां से गुजरने वाले किसी भी शख्स को उसपर दया नहीं आई. किसी तरह वह उठकर राजघाट से पैदल चलते हुए सराय कालेखां पहुंची. इस दौरान युवती के निजी अंगों से खून बहता रहा. सराय कालेखां में एक नौसेना अधिकारी ने युवती की हालत की जानकारी दिल्ली पुलिस को दी.
दिल्ली पुलिस अधिकारी ने बताया कि यदि नौसेना अधिकारी समय पर सूचना नहीं देते तो युवती की मौत हो सकती थी. इसके बाद युवती को एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उसके निजी अंगों का ऑपरेशन किया गया. वह काफी सदमें में बताई जा रही है, जिसकी वजह से उनसे एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती कराया गया है. दक्षिण पू्र्व जिला पुलिस ने करीब 21 दिन की मेहनत के बाद तीनों आरोपियों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी वाले प्रमोद और लगड़ा शमशुल का गिरफ्तार कर लिया है.
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समाज सेवा करने के लिए उड़ीसा से दिल्ली आई थी युवती
वहीं बता दें कि पीड़ित युवती उड़ीसा की रहने वाली है और मास्टर इन सोशल वर्क में डिग्री होल्डर है. यहां पर नर्सिंग की नौकरी को छोड़कर वह अपना जीवन विशेष रूप से गरीबों, महिलाओं और हाशिए के समुदायों के लोगों के लिए समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया था. सामाजिक कार्य के प्रति लगन के चलते वह अपने शहर को छोड़कर दिल्ली में अवसर तलाशने आई थी. पीडि़ता ने आठ वर्ष तक सामाजिक क्षेत्र में काम किया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस युवा ने 2007-2010 में कला में बीए, 2009-2011 में सहायक नर्सिंग मिडवाइव्स और 2011-2013 में मास्टर इन सोशल वर्क की डिग्री हासिल की थी.
पीड़िता ने 2010-2012 तक एचआईवी एड्स से पीड़ित रहने के लिए रिसर्च फेलो लिया है. 2012-2014 के बीच वह महिला शक्ति में सामुदायिक नेता बन गई और स्वच्छता को बढ़ावा दिया. वहीं 2014-2018 में नर्सिंग का अध्ययन किया था. इसके बाद में वह उड़िसा काउंसलर भी रही थीं. वह एक गैर सरकारी संगठन में फैसिलिटेटर थीं. वह तीन भाषाओं का ज्ञान रखती हैं.