छठ के तीसरा दिन आज, जानें बिना घाट के कैसे दे संध्या अर्घ्य?

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हमारे हिन्दू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व होता है. यह पर्व मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड औ यूपी जैसे राज्यों विशेष तौर पर मनाया जाता है. चार दिवसीय यह पर्व उषा अर्घ्य देने के साथ ही समाप्त हो जाता है. ऐसे में आज तीसरा दिन है, इस दिन अस्त होते सूर्य को जल दिया जाता है. इस दौरान लोग सूर्यास्त से पहले घाटों पर पहुंच जाते है और नदी में खड़े होकर संध्या अर्घ्य देते है, लेकिन कई सारी महिलाओं के पास घाट, नदी की सुविधा नहीं होती है. ऐसे में अर्घ्य देने के लिए काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है.

कई बार लोगों को किसी अन्य कारण से भी घाट पर जाकर पूजा करने नहीं जा पाते हैं. ऐसे में बहुत से लोग सोचते हैं कि घर पर सूर्यदेव को अर्घ्य देने का सही तरीका क्या है? यदि आप भी छठ पूजा के लिए घाट पर नहीं जा पा रहे हैं, तो चिंता मत करें. हम आपको इस लेख में बताएंगे कि बिना घाट पर जाए घर में ही आप कैसे अर्घ्य दे सकते हैं….

बिना घाट के घर पर ही सूर्य को ऐसे दें अर्घ्य …

छठ पूजा की शुरूआत और अंत दोनों ही अर्घ्य से ही होती है, ऐसे में अगर आपके पास अर्घ्य देने के लिए घाट या नदी नहीं है तो, आप इन तरीकों से घर पर ही अर्घ्य दे सकती हैं. आइए जानते हैं क्या है वे तरीके…

1-स्वीमिंग पूल

यदि आप किसी अपार्टमेंट में रहती है और वहां पर स्वीमिंग पूल बना हुआ है तो, उसका इस्तेमाल आप छठ पूजा के दौरान अर्घ्य देने के लिए कर सकती हैं. दिल्ली जैसे शहरों में कई सारी सोसाइटियों यह रिवाज शुरू कर दिया गया है और यहां पर बड़ी संख्या में लोग सोसाइटी में बने स्वीमिंग पुल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

2-छोटे बच्चों के स्वीमिंग पुल

यदि आपके पास स्वीमिंग पुल का विकल्प नहीं है तो, आप अर्घ्य देने के लिए छोटे बच्चों के लिए बाजार में बिकने वाले स्वीमिंग पुल का इस्तेमाल कर सकती है. इसके आप अपने छत या आंगन कही पर भी रखकर इसमें पानी भरकर उसके अंदर खड़ें होकर आप आराम से अर्घ्य देकर अपनी पूजा संपन्न कर सकती है और बिना घाट के घर पर ही अर्घ्य दे सकती हैं.

3-प्लॉस्टिक शीट से तैयार करें जुगाड़

और अगर आपके पास ये दोनों ही सुविधाएं नहीं है तो, एक और तरीका है जिससे आप घर पर ही अर्घ्य दे सकती है. उसके लिए आप सबसे पहले अपनी छत पर मिट्टी की मदद से एक गोल आकृति बनाए और उसे ईटों से कवर कर दें. इसके बाद उसके ऊपर एक प्लास्टिक की शीट या पॉलिथीन रखकर उसके अंदर पानी भर दें. इसके बाद इस जुगाड़ के पुल में खड़े होकर आप सूर्य को संध्या और उषा अर्घ्य आराम से दे सकती हैं.

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संध्या अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त

छठ पूजा के तीसरे दिन यानी आज डूबते हुए सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. पंचांग के अनुसार, आज सुबह 06:42 बजे सूर्योदय होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 05:48 बजे होगा. इस दिन तालाब या नदी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व

छठ महापर्व के दौरान, विशेष रूप से डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. सूर्य को देवता माना जाता है जो जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा और शक्ति का स्रोत हैं. सूर्य के अस्त होने पर भक्त उन्हें धन्यवाद देते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं. इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे यह विश्वास है कि सूर्य के अस्त होने के बाद उनके द्वारा दी जाने वाली ऊर्जा रात भर निरंतर रहती है, जिससे शारीरिक और मानसिक शुद्धता का लाभ होता है. वही पौराणिक कथाओं के अनुसार, संध्या काल में सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं, इसलिए छठ पर्व में शाम के समय सूर्य की आखिरी किरण यानी प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है.

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