अगर टाई हुआ चुनाव तो, जानें कैसे चुना जाएगा अमेरिका का राष्ट्रपति ?
खेल के मुकाबलों को टाई होते अक्सर सुना जाता है, लेकिन क्या हो अगर कोई चुनाव ही टाई हो जाए ? जी हां, इन दिनों अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराए जा रहे हैं , जिसके लिए वोटिंग अब खत्म हो चुकी है. आज कुछ ही देर में यह तस्वीर भी साफ हो जाएगी कि हैरिस और ट्रंप में से अमेरिका का नया राष्ट्रपति कौन होगा. हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दोनों ही उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है और दोनों ही जीत का दावा कर रहे हैं.
यदि यह चुनाव टाई हो जाता है तो क्या होगा ? यह बड़ा सवाल है क्योंकि इससे पहले अमेरिका के इतिहास में दो बार ऐसा हो चुका है. ये घटनाएं अमेरिका में साल 1800 और 1824 के दौरान हुई थी, जब राष्ट्रपति पद का मुकाबला टाई हो गया था. यदि इस साल भी ट्रंप और हैरिस के बीच का यह चुनावी मुकाबला टाई होता है तो, राष्ट्रपति की गद्दी पर कौन बैठेगा और कैसे बैठेगा ? आइए जानते हैं….
चुनाव टाई होने पर कैसे चुना जाता है राष्ट्रपति ?
यदि अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव टाई होता है तो, इसका फैसला अमेरिकी संसद का निचला सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स द्वारा लिया जाता है. इस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में सभी 50 राज्यों से 435 प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इसके बाद हर राज्य की तरफ से एक वोट किया जाता है. इस वोटिंग में जिस भी उम्मीदवार को 50 राज्यों की तरफ से की गई वोटिंग में 26 वोट मिलते हैं, उसे ही राष्ट्रपति चुना जाता है.
ट्रंप और हैरिस में से टाई मुकाबले में कौन मार सकता है बाजी ?
हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है, लेकिन अगर यह चुनावी मुकाबला टाई होता है और फैसला हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के पास जाता है तो, जीत के आसार कमला हैरिस के ज्यादा बन रहे हैं. अगर 269-269 का टाई होता है तो, लोअर हाउस कमला को चुनेगा और अगर रिपब्लिकन मैजोरिटी रखता है तो, सीनेट अपना वाइस प्रेसिडेंट चुन सकता है. इस प्रकार ट्रंप को इस चुनाव में बड़े अंतर से जीतने की चुनौती मिली है. क्योंकि अगर मामला नजदीकी होता है तो, नियम और रिप्रिजेंटेटिव हाउस कमला हैरिस को अमेरिका की पहली श्वेत महिला राष्ट्रपति बना सकते हैं.
जीत के लिए हासिल करने होते हैं इतने वोट ?
अमेरिका में वोटिंग जारी है. इस दौरान लोग सीधे कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रंप को वोट नहीं करते हैं बल्कि वे इलेक्टर्स का चुनाव करते हैं. यही इलेक्टर्स नतीजों के बाद राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. इसके लिए अमेरिका के 50 राज्यों से 538 इलेक्टर्स को चुना जाता है. जिसके बाद चुने हुए इलेक्टर्स से इलेक्टोरल कॉलेज तैयार होता है. ऐसे में जिस राष्ट्रपति उम्मीदवार को 270 या उससे अधिक इलेक्टोरल कॉलेज हासिल होते हैं आखिरी में उसे ही अमेरिका का राष्ट्रपति चुना जाता है.
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अमेरिका के इतिहास में कब-कब टाई हुआ चुनावी मुकाबला ?
अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति पद के चुनाव में दो बार टाई (समान वोट) का मामला सामने आया – 1800 और 1824 में. ये दोनों घटनाएं अमेरिकी चुनाव प्रणाली की जटिलताओं को दर्शाती हैं.
1800 का चुनाव: इस वर्ष के चुनाव में थॉमस जेफरसन और एरोन बुर्र दोनों ने समान 73-73 चुनावी वोट प्राप्त किए. अमेरिकी संविधान के अनुसार, जब दो उम्मीदवारों के बीच टाई होता है, तो चुनाव का फैसला सदन-ए-प्रतिनिधि द्वारा किया जाता है. इस मामले में 36 वोटिंग राउंड के बाद, थॉमस जेफरसन को राष्ट्रपति चुना गया और एरोन बुर्र उपराष्ट्रपति बने. इस घटना ने चुनावी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप 12वें संशोधन (1804) की आवश्यकता पड़ी.
1824 का चुनाव: इस चुनाव में चार प्रमुख उम्मीदवार थे – एंड्रू जैक्सन, जॉन क्विंसी एडम्स, हेनरी क्ले और विलियम क्रॉवफोर्ड. जैक्सन को सबसे अधिक लोकप्रिय वोट मिले, लेकिन उन्हें चुनावी कॉलेज में बहुमत नहीं मिला था. परिणामस्वरूप, सदन-ए-प्रतिनिधि ने जॉन क्विंसी एडम्स को राष्ट्रपति चुना. इस चुनाव को “कॉर्नर स्टोन चुनाव” कहा गया क्योंकि जैक्सन और उनके समर्थकों ने इसे “चोरी” के रूप में देखा और बाद में यह आंदोलन शुरू हुआ, जो जैक्सन के पक्ष में 1828 में चुनावी विजय में परिणीत हुआ.