शेयर मार्केट में सुनामी… 1400 अंक टूटा सेंसेक्स…

शेयर मार्केट में निवेशकों के डूबे 6 लाख करोड़...

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Share Market: देश में पिछले कई दिनों से जारी शेयर में तूफ़ान के बाद अब सुनामी ( TSUNAMI ) आ गई है. इसके चलते आज शेयर मार्केट खुलते ही सेंसेक्स ( SENSEX ) 1400 अंक और निफ़्टी में बड़ी गिरावट आई. आज सुबह सेंसेक्स 79,713 अंक पर खुला लेकिन कुछ समय के बाद 1400 अंक टूट गया. वहीं, Nifty 24315.75 पर खुला और कुछ समय के बाद 454 अंक टूट गया.

क्यों गिरा शेयर बाजार ?…

अब आपके जहन में यह सवाल होगा कि आज शेयर बाजार ( SHARE MARKET ) क्यों गिरा. तो बता दें कि अमेरिका ( AMERICA )  में कल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. इस पद के लिए कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच टक्कर होनी है, जिसके चलते बाजार में लगातार बिकावली जारी है.

7 नवंबर को फ़ेडरल बैंक की बैठक है. कहा जा रहा है कि इसे के चलते फ़ेडरल रिज़र्व बैंक ( FederalReserve Bank ) की बैठक भारतीय बाजार की आशंकाओं को बढ़ा रही है. वहीं दूसरी तिमाही में कंपनियों के ख़राब नतीजों के बाद निवशकों का मूड गड़बड़ हो जाने के कारण शेयर में लगातार बिकवाली जारी है.

 

इन कंपनियों के शेयर में आई गिरावट…

बता दें कि आज जिन कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई है वो खासकर सन फार्मा, बजाज ऑटो और इंफोसिस हैं. निफ्टी 50 स्टॉक लिस्ट में सिर्फ 9 शेयर बढ़त के साथ खुले, जबकि अन्य 41 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई. दूसरी ओर महिंद्रा के शेयर में बढ़त देखी गई. उसके बाद सिप्ला, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक के साथ सन फार्मा, बजाज ऑटो, इंफोसिस और अदाणी पोर्ट्स के शेयर शामिल रहे.

 

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विदेशी निवेशकों की बिकवाली धारणा…

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव के बाद 7 नवंबर को फेडरल रिज़र्व बैंक की बैठक होनी है. इसी के चलते विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं जिसके चलते शेयर बाजार की धारणा प्रभावित हुई है.

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शेयर बाजार से 94000 करोड़ रुपये की निकासी…

बता दें कि भारतीय शेयर बाजार के लिए यह सबसे ख़राब महीना रहा है. इसका कारण है कि इस महीने विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से करीब 94000 हजार करोड़ रुपये यानि (11.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर ) निकाले. इसके चलते निकासी में यह अब तक का सबसे ख़राब महीना बन गया है. बताया जा रहा है कि घरेलू इक्विटी के ऊंचे मूल्यांकन और चीनी शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन के कारण यह निकासी हुई है.

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