अन्नकूट पर्व के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ का 2 क्विंटल मिष्ठान से श्रृंगार

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वाराणसी:  श्री काशी विश्वनाथ धाम में अन्नकूट पर्व के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया. यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को और इसे विशेष रूप से भगवान कृष्ण द्वारा की गई गोवर्धन पूजा की स्मृति के रूप में मनाया जाता है. अन्नकूट का अर्थ प्रचुर खाद्यान्न है. यह पर्व श्रद्धालुओं द्वारा समृद्धि एवं अन्न सुरक्षा हेतु सात्विक भक्ति और समर्पण भाव से की जाने वाली प्रार्थना का प्रतीक है.

सनातन एकता का प्रतीक

इस वर्ष अन्नकूट पर्व के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव का 2 क्विंटल मिष्ठान से श्रृंगार किया गया. इस श्रृंगार में विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ शामिल हैं. मध्यान्ह भोग आरती में यह विशिष्ट भोग श्री विश्वेश्वर महादेव को अर्पित किया गया.भोग लगने के उपरांत प्रसाद श्रद्धालुओं के मध्य वितरित किया गया. श्री काशी विश्वनाथ धाम में भोग आरती के पश्चात प्रसाद वितरण अन्नकूट पर्व का एक महत्वपूर्ण अंग है.

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अन्नकूट पर्व केवल एक पारंपरिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सनातन एकता, सनातन बंधुत्व भाव और दान के महत्व को भी रेखांकित करता है. इस दिन, भक्त0एकत्र होकर न केवल श्री काशी विश्वनाथ की आराधना करते हैं, बल्कि एक-दूसरे के साथ मिलकर पर्वोल्लास का आदान-प्रदान भी करते हैं. यह पर्व सनातन धर्मियों में परस्पर एकजुटता और स्नेह द्वारा सनातन समाज में समृद्धि बढ़ाने का भी संदेश देता है. यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और प्रेम के साथ सभी सनातनधर्मी एक वृहद सनातन परिवार के सदस्य हैं.

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