दिल्ली वक्फ बोर्ड ने बिल का किया समर्थन, विपक्ष की मांग पर आतिशी सरकार भी होगी बैठक में

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जेपीसी की मंगलवार को हुई बैठक में दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना अपना पक्ष रखने को लेकर सांसदों के बीच तीखी बहस हुई. जेपीसी चेयरमैन ने लोकसभा के महासचिव से विचार-विमर्श करने के बाद पहले ही यह निर्णय लिया था कि बैठक में वक्फ बोर्ड का पक्ष सुना जाएगा. वहीं विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड अल्पसंख्यक मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है, जो कि निर्वाचित सरकार के अधीन है. इसलिए, वक्फ बोर्ड द्वारा दी गई किसी भी रिपोर्ट के लिए सरकार की मंजूरी आवश्यक है.

विपक्षी सांसदों ने उठाई मांग

दिल्ली वक्फ बोर्ड के ओरल प्रेजेंटेशन के दौरान विपक्षी सांसदों ने विरोध करते हुए यह भी मांग उठाई कि दिल्ली सरकार के स्टैंड को भी सुना जाना चाहिए. जेपीसी चेयरमैन ने उनकी मांग स्वीकार कर ली और अगली बैठक में दिल्ली सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रतिनिधि को भी अपना पक्ष रखने का अवसर देने का आश्वासन दिया.

दिल्ली वक्फ बोर्ड ने केंद्र सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 का समर्थन किया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी इस बिल पर अपना प्रेजेंटेशन दिया.

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बैठक के दौरान, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी अपने व्यवहार को लेकर सफाई दी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने उन्हें अपशब्द कहे और उन पर व्यक्तिगत आरोप लगाए, जिससे वह गुस्से में आ गए. उन्होंने कहा कि उनका इरादा चेयरमैन की तरफ बोतल फेंकने का नहीं था, और उन्होंने बाद में इस पर कई बार माफी भी मांगी है.

गौरतलब है कि 22 अक्टूबर को हुई एक पिछली बैठक में कल्याण बनर्जी ने टेबल पर रखी कांच की पानी की बोतल को फोड़ दिया था, जिससे उन्हें चोट भी लगी थी. इस घटना के बाद उन्हें एक दिन के लिए जेपीसी की बैठक से निलंबित कर दिया गया था.

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