औद्योगिक क्रांति के चौथे फेज में IIT BHU करेगा भारत का नेतृत्व- धर्मेंद्र प्रधान

आईआईटी, बीएचयू के 13वें दीक्षांत समारोह में कुल 1954 मेधावियों को दी गई उपाधि

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बीएचयू में आज 28 अक्टूीबर को 13वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यहां बैठे विद्यार्थियों, आप कहीं से भी आए हों, लेकिन यहां की धरोहर ने आपको अपनाया. यह आपका सौभाग्य है. काशी की कसौटी पर जो खरा उतरता है, सोना कहीं का भी हो बनारसी कहलाता है. कहा कि भारत में अभी भी पांच चुनिंदा जीवंत शहर हैं, उनमें से एक धरोहर शहर बनारस भी है, जहां आपने अपने जीवन का कुछ पल बिताया.

जब पहली औद्योगिक क्रांति हुई थी तो भारत पराधीन था, उसकी कोई पहचान नहीं थी. इसके बाद दूसरी क्रांति में मजदूर के तौर पर भारत की पहचान हुई. तीसरी में सुपरवाइजर और अभी चौथी औद्योगिक क्रांति चल रही है, जिसमें भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा और आईआईटी बीएचयू भारत में उसका नेतृत्व करेगा.

चाची की कचौडी की चर्चा, कहा डिजिटल पेमेंट में भारत सबसे आगे

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज सुबह चाची की कचौड़ी खाई और पान खाया. पिछले साल भी आने पर कचौडी का स्वाीद लिया था. पेमेंट डिजिटल तरीके से किया. आज हम डिजिटल पेमेंट में चीन और अमेरिका से आगे हैं. एनर्जी कंज्यूमिंग में भी आज हम विश्व में आगे चल रहे हैं. कहा कि महामना की इस तपोस्थली में शिक्षा प्राप्त करना सौभाग्य की बात है.

60 टेक्नोक्रेट्स को 125 मेडल

दीक्षांत समारोह में संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों के 1959 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई. इसमें 1060 बीटेक, 319 आईडीडी, 263 एमटेक/एमफार्मा और 49 एमएससी और 253 शोधार्थियों को डॉक्टरेट की डिग्री दी गई. कुल 60 मेधावी विद्यार्थियों को 125 मेडल (स्वर्ण और रजत) और पुरस्कार प्रदान किये गए. संस्थान में सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन और संगठनात्मक व नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने के लिए भाव्या मल्होत्रा, बीटेक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को डाइरेक्टर्स स्वर्ण पदक समेत 12 स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और तीन पुरस्कार से विभूषित किया गया और बीटेक स्तर पर शैक्षणिक क्षेत्र में संपूर्ण उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए आदित्य कुमार नायक, बीटेक, केमिकल इंजीनियरिंग को प्रेसीडेंट्स स्वर्ण पदक समेत सात स्वर्ण पदक और दो पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

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इस दौरान मंच पर बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन पद्मश्री डॉ कोटा हरिनारायन, संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा और कुलसचिव (प्रभार) शराजन श्रीवास्तव उपस्थित रहे. पुरस्कार वितरण का संचालन शैक्षणिक कार्य के अधिष्ठाता प्रोफेसर श्याम बिहारी द्विवेदी ने किया. इससे पहले समारोह का शुभांरभ मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण, दीप प्रज्ज्वलन, वैदिक मंत्रोच्चार और कुलगीत के साथ हुआ.

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पुरा छात्रों का भी सम्मान

इसके बाद दीक्षांत कार्यक्रम में कुल 08 पूर्व छात्रों को विशिष्ट एलुमिनस/एलुमिना पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया. इनमें प्रोफेसर अनुज श्रीवास्तव (इलेक्ट्रॉनिक्स-90) को एकेडमिक क्षेत्र में, उद्योग/उद्यमिता क्षेत्र में अनिल के. सचदेव (मेटलर्जिकल-71) और डी. गोस्वामी (मैकेनिकल-74) को सम्मानित किया गया. वहीं, डॉ. वी. के. रैना (सिविल-61) को प्रोफेशन क्षेत्र में, डॉ अवधेश कुमार सिंह (मैकेनिकल-87) को पब्लिक लाइफ, डॉ हेमा सिंह (इलेक्ट्रॉनिक्स-2000) को रिसर्च एंड इनोवेशन और डॉ सुदीप्ता दत्ता (इलेक्ट्रिकल-2007) और शुभम पालीवाल (इलेक्ट्रॉनिक्स-2013) को यंग अलुमिनस एचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया.

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