वाराणसी: बीएचयू के हिंदी भवन पर शोधार्थियों ने जड़ा ताला, अनियमितता का लगाया आरोप

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वाराणसी:  काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में शोध निर्देशकों के अलॉटमेंट में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए पीएचडी सत्र जुलाई-2023 के शोधार्थियों ने हिंदी भवन के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का कहना है कि गत सत्र जुलाई-2023 में छात्रों का चयन पूर्व में ही बहुत विलंब से हुआ है. प्रवेश होने के 6 माह पश्चात भी विभाग ने अभी किसी भी छात्र को पंजीकरण प्रपत्र नहीं दिया है.

 

विभाग की डीआरसी में आंतरिक राजनीति के चलते विभाग द्वारा छात्रों के शोध निर्देशक आवंटन में देरी पर देरी की जा रही है तथा छात्रों की गत 6 महीनों में ना ही फेलोशिप और ना ही हॉस्टल एलॉटमेंट की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है. जिसके कारण छात्रों को आर्थिक तथा मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान छात्र नारेबाजी करते रहे.

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एबीवीपी छात्रों का धरना सातवें दिन भी रहा जारी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित केंद्रीय कार्यालय पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का धरना लगातार सातवें दिन भी जारी है. छात्र 19 सूत्री मांग को लेकर लगातार धरना दे रहे हैं. धरना दे रहे छात्रों का कहना है कि हम सभी विश्वविद्यालय में हो रहे अनियमित छात्रों के साथ दुर्व्यवहार, पेड़ों की कटाई अन्य विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. छात्रों ने बताया कि आंदोलन के तीसरे दिन प्लास्टिक मुक्त बीएचयू अभियान केंद्रीय कार्यालय प्रांगण में ही चलाया गया.

 

जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इतना समय बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन से कोई जिम्मेदार अधिकारी छात्रों से संवाद करने नहीं आया है. जब तक मांगे पूरी नहीं होती हैं तब तक चरणबद्ध तरीके से यह आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान प्रांतीय मंत्री अभय प्रताप सिंह , पुनीत, पल्लव, सर्वेश, ओंकार , दिव्यांशु , अनुज गोस्वामी, अभय, प्रशांत राज, अदृश्य, यशवर्धन , गौरव, नंदा भट्ट, धीरेंद्र, व्योम, ध्रुव आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

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