छंटनी के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठा मजदूर संगठन

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वाराणसीः पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम, वाराणसी के डायरेक्टर (कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) द्वारा 2017 के मानकों को लागू करने के नाम पर संविदा कर्मचारियों के ट्रांसफर और असिस्टेंट बिलिंग के तहत बड़े पैमाने पर छंटनी का आदेश जारी किया गया है. इस आदेश से लगभग 3000 संविदा कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं. इस संबंध में मिले आश्वासन के बावजूद कार्रवाई की आशंका के चलते विद्युत संविदा मजदूर संगठन के लोग मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

बताया गया कि इस अन्यायपूर्ण आदेश के विरोध में विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश के निर्देशानुसार 18 अक्टूबर को पुनीत राय के नेतृत्व में प्रबंध निदेशक कार्यालय पर एक दिवसीय सत्याग्रह आयोजित किया गया था .सत्याग्रह के दौरान पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने डायरेक्टर (कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) से मुलाकात की. बैठक में डायरेक्टर ने आश्वासन दिया था कि कोई भी निर्दोष कर्मचारी हटाया नहीं जाएगा. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया था कि केवल वे कर्मचारी (Ghost Employees), जो निगम से वेतन तो ले रहे हैं लेकिन किसी अधिकारी के निजी कार्यों में लगे हैं, उन्हें हटाया जाएगा.

हड़ताल में निकाले गए निर्दोष कर्मचारियों की भेजी थी सूची

संगठन ने निदेशक (कार्मिक प्रबंधन एवं प्रशासन) आर.के. जैन से यह आग्रह किया था कि अगस्त मार्च की हड़ताल में निकाले गए निर्दोष कर्मचारियों की सूची, जिसे कॉरपोरेशन ने पूर्वांचल डिस्कॉम को भेजा था पर उचित कार्रवाई की जाए. साथ ही, इस आशय का लिखित आदेश जारी किया जाए ताकि जनपद स्तर पर कर्मचारियों के उत्पीड़न को रोका जा सके. हालांकि, निदेशक ने लिखित आश्वासन देने का वादा किया था, लेकिन अब वे अपने वादे से पीछे हटते हुए पत्र जारी करने से इनकार कर रहे हैं.

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नहीं कोई बचा विकल्प, संगठन नहीं हटेगी पीछे

मजदूरों के पक्ष में आए लोगों ने कहा कि अब संगठन के पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है. आज 22 अक्टूबर से प्रबंध निदेशक मुख्यालय, वाराणसी पर यह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल प्रारंभ की जा रही है.
यह हड़ताल संविदा कर्मचारियों के अधिकारों और न्याय की रक्षा के लिए है. संगठन तब तक नहीं हटेगा, जब तक प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाता और कर्मचारियों के हित में स्पष्ट लिखित आदेश जारी नहीं करता.

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