मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूल में ट्रांसफर करने के यूपी सरकार के फैसले पर रोक

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम् फैसले में सुनवाई करते हुए NCPCR की सिफारिशों पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने गैर- मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूल में ट्रांसफर करने के यूपी सरकार के फैसले पर रोक लगाई है. जमीयत उलेमा-ए- हिन्द की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंघ ने दलील दी की NCPCR और यूपी के साथ त्रिपुरा समेत कई राज्यों पर की जा रही कार्यवाही पर रोक लगाई जाए.

CJI DY चंद्रचूड़ की बेंच ने NCPCR की सिफारिश पर कार्यवाही करने से इंकार के दिया है. ऐसे में RTI का पालन नहीं करने वाले मदरसों को भी राज्य से मिलने वाली फंडिंग नहीं रुकेगी. इसी के साथ कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार हफ़्तों में जवाब देने को कहा है.

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जमीयत उलेमा-ए- हिन्द ने दायर की थी याचिका…

बता दें कि इस मामले में जमीयत उलेमा-ए- हिन्द की तरफ से याचिका दायर की गई थी जिसमें उन्होंने यूपी सरकार के NCPCR के आदेश को आधार लिया था. इसमें 2009 RTI का पालन नहीं करने और मदरसों की जांच करने को कहा गया था. इस पर आज CJI की बेंच ने जमीयत उलेमा-ए- हिन्द की याचिका पर गौर किया और राज्यों की कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

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मदरसे बेसिक शिक्षा नहीं देतेः NCPCR

बता दें कि सितम्बर में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से एक हलफनामा दायर किया गया था जिसमें कहा गया था कि मदरसों में बेसिक शिक्षा नहीं दी जाती है. इसलिए इनकी फंडिंग बंद कर देनी चाहिए. यह राइट टू एजुकेशन का उल्लंघन करते हैं. इसमें कहा गया कि मदरसों में धार्मिक शिक्षा पर पूरा ध्यान होता है.

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