” कनाडाई खुफिया एजेंसी के लिए काम करते हैं खालिस्तानी समर्थक “, Canada से लौटे राजदूत का गंभीर आरोप

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति जारी शत्रुता के बीच नई दिल्ली द्वारा कनाडा से वापस बुलाए जाने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में वरिष्ठ राजनयिक और उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने ओटावा द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया.

ट्रूडो सरकार ने चरमपंथियों का समर्थन किया

कनाडा स्थित सीटीवी न्यूज को दिए गए इंटरव्यू में वर्मा ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो सरकार ने हर समय और हमेशा खालिस्तानी चरमपंथियों को प्रोत्साहित किया है. उन्होंने कहा कि मैं यह भी जानता हूं कि इनमें से कुछ खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी सीएसआईएस की गहरी संपत्ति हैं, मैं फिर से कोई सबूत नहीं दे रहा हूं.

जस्टिन ट्रूडो ने लगाया था आरोप

दरअसल, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे. भारत ने आरोप को बेतुका और प्रेरित बताया था. भारत ने कनाडा सरकार पर अपने आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत देने को कहा था, लेकिन ट्रूडो ऐसा नहीं कर पाए. इसके बाद पिछले सप्ताह, कनाडाई पीएम ट्रूडो ने भारत सरकार पर कई और गंभीर आरोप लगाए.

कनाडा सरकार ने निज्जर हत्या मामले की जांच में वरिष्ठ राजनयिकों को पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट बताया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और खराब हो गए. भारत ने अपने राजदूत वापस बुला लिए. वहीं पिछले हफ्ते ही एक भाषण में ट्रूडो ने कहा कि कनाडा सरकार के दावे खुफिया जानकारी पर आधारित थे, न कि ठोस सबूतों पर.

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विदेश मंत्रालय (एमईए) ने संजय कुमार वर्मा पर आक्षेप लगाने के लिए ओटावा की आलोचना की थी. वर्मा भारत के सबसे वरिष्ठ राजनयिकों में से एक हैं, जिनका 36 वर्षों का विशिष्ट करियर रहा है और जो जापान और सूडान में राजदूत रह चुके हैं, और इटली, तुर्की, वियतनाम और चीन में भी सेवा दे चुके हैं.

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