वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट हो रही फेल ? आम जन ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

वाराणसी में राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात ने की जन सभा...

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आम जन को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से पुलिस ताकत को बढ़ाते के लिए कमिश्नरेट का दर्जा दिया गया है. इनकी मदद से और अधिक सुविधाएं दी जा सके लेकिन वाराणसी की पुलिस कमिश्नरेट आम लोगों को त्वरित न्याय देने के बजाय कहीं खुद ही उत्पीड़न करती है या फिर कहीं कानून तोड़ने वालों के सहयोग में ही खड़ी होती दिख जाती है…..

ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आज सर्किट हाउस में राज्य महिला आयोग की सदस्य नीलम प्रभात की जनता फरियाद की सुनवाई में पहुंचे फरियादियों ने जर्नलिस्ट कैफे को अपनी परेशानी बताते हुए इन तमाम बातों से अवगत कराया है.

किराएदारी का एग्रीमेंट कराने पहुंचे किराएदार ने हड़प ली संपत्ति

जहां जन सुनवाई में पहुंची कोतवाली थाना क्षेत्र के गोला दीनानाथ की निवासी सूर्यकुंवर देवी पत्नी स्व. कैलाश नाथ बरनवाल ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि उनके भवन में एक किराएदार मोहनलाल रहता है. वह उनके पति से किराएदारी का एग्रीमेंट करने के लिए कचहरी ले आया और धोखे से पूरी संपत्ति का सट्टा करा लिया. इसका मुकदमा स्थानीय न्यायालय में चल रहा है.

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शिकायत दर्ज कराने के बाद भी नहीं मिल रहा न्याय

वहीं इस संदर्भ में 12 सितंबर को थानाध्यक्ष कोतवाली भारी पुलिस फोर्स के साथ बिना किसी विधिक आदेश के जबरदस्ती मकान खाली करवाने पहुंच गए और जबरदस्ती घर के कीमती सामानों का लूटपाट करते हुए प्रार्थनी के बेटे, बहू तथा छोटे-छोटे बच्चों को जबरदस्ती घर से निकाल कर सड़क पर बैठा दिया.
कहा कि आज हमारी स्थिति यह है कि शहर के मुख्य मार्केट में आलीशान घर में रहने वाला यह परिवार आज सड़कों पर दिन बसर कर रहा है. न पहनने को कपड़ा है, न कोई बर्तन है. हम तमाम अधिकारी और जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री तक अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन अभी तक हमें न्याय नहीं मिला.

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6 साल पहले पति की गुमशुदगी की शिकायत, प्रशासन नहीं कर रहा सहयोग

वहीं दूसरी तरफ इस जनसुनवाई में पहुंची चौबेपुर निवासी अधिवक्ता सौम्या चौबे के शिकायत पत्र में बताया कि उनके पति धीरज कुमार चौबे को इनके पट्टीदारों द्वारा संपत्ति के लालच में जुलाई 2018 में गायब करवा दिया गया था. शिकायत दर्ज कराने जब वह थाना चौबेपुर पहुंची तो वहां उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई. काफी जद्दोजहद के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के आदेश पर 13 अगस्त 2018 को चौबेपुर थाने में उनके पति के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के यहां फरियाद लगाने के बाद उनके पति को ढूंढने की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई. 6 साल बीतने के बाद आज भी उनके पति का सुराग नहीं लग सका है. देखा जाए इन दोनों घटनाओं में अगर समय रहते पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाती तो आज एक परिवार सड़कों पर मारा – मारा न फिर रहा होता और एक पत्नी 6 साल से अपने पति को ढूंढने की लंबी लड़ाई नहीं लड़ रही होती .

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