वाराणसी: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागी कलाकारों का हुआ सम्मान

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभागी कलाकारों को सम्मानित किया गया.

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शारदीय नवरात्र-2024 के उपलक्ष्य में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभागी कलाकारों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन धाम स्थित सांस्कृतिक मंच पर किया गया था. जहां कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथी शहर दक्षिणी के विधायक नीलकंठ तिवारी रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई.

नवरात्र के पहले और चौथे दिन में चयनित सम्मानित प्रतिभागी

नवरात्र के पहले भजन, बनारसी लोकगीत पचरा गायन के लिए दिव्या दुबे एवं समस्त सह कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. वहीं दूसरे दिन दिवस रामलीला में धनुष यज्ञ का मंचन, तीसरे दिन राम में रावण वध का मंचन हेतु काशी रंगमंच कला परिषद, सिधौना, गाजीपुर के समस्त कलाकारों को और दिन बंगाली लोक नृत्य धनूची की प्रस्तुति के लिए अंकिता भट्टाचार्य एवं समस्त सह कलाकारों को सम्मानित किया गया.

नवरात्र के पांचवे और नौवें दिन में चयनित सम्मानित प्रतिभागी

इसके साथ पांचवें दिन ललिता सहस्रनाम स्तोत्र, 51 शक्तिपीठों को प्रतिबिंबित करती समस्त 51 मातृशक्तियों को, षष्ठी के दिन महिषामर्दिनी स्तोत्र नृत्य (गौरी कलामंड़प) के लिए डा. दिव्या श्रीवास्तव एवं समस्त प्रतिभागियों को, सप्तमी देवी मां का भजन के लिए सम्मानित किया गया.

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राकेश तिवारी एवं समस्त कलाकारों को, अष्टमी को माता के नौ स्वरूपों को दर्शाती 9 कन्याओं द्वारा दुर्गा सप्तशती के सामूहिक पाठ के लिए समस्त कन्यायों को और नवमी के दिन सायंकाल: भजन / नृत्य की प्रस्तुति में कलंगन आर्ट अकादमी की सृष्टि तिवारी को भरतनाट्यम की प्रस्तुति हेतु सौमित रॉय को आदियोगी स्त्रोत की प्रस्तुति हेतु, दीपक तिवारी और सरोज वर्मा को भजन गायन हेतु और समस्त कलाकारों को विश्वेश्वर के प्रांगन में प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.

सांस्कृतिक कार्यक्रम युवाओं को कला के प्रति कर रही प्रेरित

इस अवसर पर विभिन्न कला रूपों में उत्कृष्टता दर्शाने वाले कलाकारों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. कार्यक्रम के दौरान विधायक नीलकंठ तिवारी ने सभी कलाकारों को आशीर्वाद देते हुए उनके कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल हमारी परंपरा को जीवित रखते हैं, बल्कि करते हैं.

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कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि के आशीर्वचन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी प्रतिभागियों को आगे बढ़ने और अपनी कला को और निखारने के लिए प्रेरित किया. इस कार्यक्रम में मंदिर न्यास के सदस्य पं० दीपक मालवीय, पं० प्रसाद दीक्षित, प्रो० ब्रजभूषण ओझा व अन्य लोगों उपस्थित रहें.

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