पत्रकार गौरी लंकेश के हत्यारों को मिली जमानत, हिन्दू संगठनों ने किया भव्य स्वागत..

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बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश पर लगाए गए आरोपों ने भारतीय समाज में एक बार फिर गंभीर प्रश्न उठाए हैं. शहर में लंकेश हत्याकांड के कुछ आरोपियों की रिहाई ने व्यापक विवाद पैदा कर दिया. इनमें खास तौर पर पारसुराम वाघमोर और मनोहर यादव को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिनकी रिहाई पर कुछ हिंदू संगठनों ने इनका भव्य रूप से स्वागत किया है. यह स्वागत न सिर्फ न्यूज का हिस्सा बना बल्कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस कार्यक्रम में हिन्दू संगठनों ने आरोपियों को शॉल और माला पहनाकर स्वागत किया है, इतना ही ने धार्मिक अनुष्ठानों का भी आयोजन किया गया था.

हत्याकांड में आठ को मिली जमानत

गौरतलब है कि, गौरी लंकेश हत्याकांड में शामिल आठ आरोपियों को हाल ही में बेंगलुरु की सेशंस कोर्ट ने जमानत दी है. सितंबर में कर्नाटक हाईकोर्ट ने चार अन्य आरोपियों को भी जमानत दे दी थी. वही 9 अक्टूबर को सेशंस कोर्ट ने उनकी बेल पर राहत दी और 11 अक्टूबर को जेल से रिहा कर दिया गया. भारतीय पत्रकारिता में गौरी लंकेश एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थीं. उनकी हत्या से देश भर में रोष फैल गया था, वे कट्टर हिंदुत्व की कड़ी आलोचक थीं. यही उनका बेबाकपन उनकी हत्या की वजह बन गया और 5 सितंबर 2017 को उनके घर में उनकी हत्या कर दी गई थी. यह मामला लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बना हुआ है.

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इस हत्याकांड से जुड़ी खास बातें..

-5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में तीन बंदूकधारियों ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी.
-2023 दिसंबर में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गौरी लंकेश हत्या मामले की त्वरित सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत बनाने का आदेश दिया.
-गौरी कर्नाटक की प्रमुख वामपंथी पत्रकार थीं, जो कट्टर हिंदुत्व की आलोचक थीं.
-9 अक्टूबर को बेंगलुरु सेशन कोर्ट ने हत्या के आरोपियों को जमानत दी.
-11 अक्टूबर को आरोपियों को प्रप्पाबा अग्रहारा जेल से रिहा किया गया.

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