रामनगर की रामलीलाः राम-रावण के बीच भयंकर युद्ध देख देवता हुए भयभीत…
रामनगर की रामलीलाः यूनिस्को की सूची में दर्ज रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला में पच्चीसवें दिन शुक्रवार को राम-रावण युद्ध व रणभूमि अवलोकन लीला का मंचन किया गया. प्रसंगानुसार रावण द्वारा यज्ञ की जानकारी देते हुए विभीषण श्रीराम से वानर सेना भेज कर यज्ञ विध्वंस कराने की बात कहते हैं. श्रीराम की आज्ञा पर अंगद-हनुमान आदि लंका जाकर रावण को ललकारते हुए राक्षसों का वध करते हैं. राक्षस सेना के मारे जाने पर राक्षस रावण की दुहाई देते हुए यज्ञ स्थल पर आते हैं. उनके शोर से रावण का यज्ञ भंग हो जाता है. युद्ध का डंका बजने पर दोनों ओर की सेनाएं फिर आमने-सामने आकर डंट जाती हैं. देवतागण शीघ्र उसका वध करने की प्रार्थना करते हैं.
रावण के मायावी को श्रीम ने बाणों से काटा
रण भूमि में रावण अनेक प्रकार से मायावी युद्ध करता है लेकिन श्रीराम उसके बाणों को काट देते हैं और पुन: रावण को युद्ध के लिए ललकारते हैं. प्रभु श्रीराम से रावण कहता है कि युद्ध में तुमसे अपने पुत्रों और भाईयों के वध का बदला लूंगा.रावण का सिर बार-बार कटता और जुड़ता जाता
श्रीराम और रावण के बीच भीषण युद्ध शुरू होता है. श्रीराम के बाण से रावण का सिर बार-बार कटता है लेकिन वह पुन: जीवित हो उठता है. उधर रावण बाणों की वर्षा कर श्रीराम के रथ को ढक देता है. राम-रावण के बीच भयंकर युद्ध देख देवतागण भयभीत हो गए. श्रीराम के विजय की आस छोड़ देवता गुफाओं में छिपने की बात सोचते हैं.
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बेहोश रावण को सारथी ले गया लंका
देवताओं के भागने पर लंकाराज रावण उन्हें ललकारता है. साथ ही सारथी से 15 हजार सेना मारे जाने का समाचार सुन वह हनुमान से भयंकर युद्ध करते हैं. इस बीच जामवंत रावण की छाती पर गदा से प्रहार करते हैं जिससे वह जमीन पर गिर पड़ता है. उधर जामवंत की मार से बेहोश हुए रावण को सारथी महल ले आता है. राक्षसी त्रिजटा सीता को युद्ध की जानकारी देती है. सीता विरह से दुखी हैं तभी सगुन के कई लक्षण दिखाई पडऩे पर सीता को रावण वध की संभावना से संतोष होता है. यहीं पर आरती के बाद लीला को विश्राम दिया जाता है.