जम्मू और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आज, जानें किसकी बन सकती है सरकार ?

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आज हरियाणा और जम्मू कश्मीर के आने वाले 5 सालों का फैसला किया जाएगा कि वहां किसकी सरकार बनेगी. जी हां, आज हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कोई एक सत्ता दल पांच सालों के लिए इन राज्यों की सत्ता का ताज का हकदार होगा क्योंकि आज जम्मू और हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणामों के लिए मतों की गिनती शुरू हो गई है. सुबह 8 बजे से शुरू मतगणना में फिलहाल बीजेपी ने बढ़त तो दर्ज की है लेकिन वह बहुमत से दूर नजर आ रही है. वहीं बात करें जम्मू कश्मीर की तो कांग्रेस-NC गठबंधन को बहुमत मिलता नजर आ रहा है. हालांकि, यह अभी रूझान है फैसला तो अंतिम परिणाम ही करेगा. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर सत्ता का ताज सज किस पर सकता है ?

हरियाणा में कौन मार सकता है बाजी ?

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग की गई है. इसमें 1031 उम्मीदवारों में से 930 पुरुष और 101 महिलाओं ने इन सीटों पर चुनाव लड़ा . इसके पूर्व 5 अक्टूबर को हरियाणा की सभी सीटों पर एक ही चरण में वोट डाले गए थे. चुनाव आयोग से जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार 66.96 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का उपयोग किया. ऐसे में हरियाणा में 20 हजार 632 मतदान केंद्रों में 13500 ग्रामीण और 7132 शहरी थे.

बीजेपी कांग्रेस में दिख रही कांटे की टक्कर

हरियाणा चुनाव में कांग्रेस, माकपा और बीजेपी ने गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, जबकि आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा है. कांग्रेस ने नामांकन के अंतिम समय में माकपा को भिवानी सीट दी थी. वहीं बीजेपी ने भी कांडा सीट छोड़ी है. दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) एडवोकेट चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन है. वहीं जेजेपी ने 70 विधानसभा सीटों पर और एएसपी ने 20 पर उम्मीदवार उतारे हैं. मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

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क्या रहे थे पिछले नतीजें ?

साल 2019 के पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जिसमें उसने 36.5 प्रतिशत वोटों के साथ 40 सीटें हासिल की थी. वहीं कांग्रेस ने 28 प्रतिशत वोटों के साथ 31 सीटें जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया था. इसके अलावा जेजेपी तीसरी स्थान पर रही थी. जेजेपी को 14.8 फीसदी वोटों के साथ 10 सीटें मिली थी. वहीं आईएनएलडी 2.1 प्रतिशत वोटों के साथ 8 सीटें जीतने में सफल रही थी. साथ ही उसने 18.2% वोटों का अन्य हिस्सा भी जीता था.

इस बार चुनाव का क्या रहा समीकरण ?

हरियाणा विधानसभा का ये चुनाव 2019 से कई मायनों में अलग था. इस बार समीकरण और गठबंधन बहुत अलग रहा है. इस बार किसानों, युवाओं और पहलवानों के मुद्दे चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा में रहे. वहीं बात गठबंधनों की आती है, तो इस बार जेजेपी एएसपी के साथ मिलकर चुनाव में उतरी है जबकि आईएनएलडी बसपा के साथ चुनाव में उतरी. आम आदमी पार्टी ने चुनाव अकेले लड़ा है, लेकिन दोनों प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के लिए एक-एक सीटें छोड़ीं है.

90 सीटों पर जम्मू में हुई थी वोटिंग

वही बात करें अगर जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की तो यहां पर 90 सीटों पर मतदान किया गया था. केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 16 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. वहीं जम्मू रीजन में 43 विधानसभा सीटें हैं, जबकि कश्मीर घाटी में 47 सीटें हैं. इन सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान हुआ है. इसके पूर्व 18 सितंबर को पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान हुआ था.

इसके बाद 26 सीटें पर दूसरे चरण में मतदान किया गया था. वहीं 1 अक्टूबर को तीसरी और अंतिम चरण में 40 सीटों के लिए वोट डाले गए थे. ऐसे में कुल मतदान 63.88 प्रतिशत था. चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया था कि ” पहले चरण की 24 सीटों पर 61.38 प्रतिशत, दूसरे चरण की 26 सीटों पर 57.31 प्रतिशत और तीसरे चरण की 40 सीटों पर 69.69 प्रतिशत वोटिंग हुई. इसमें महिलाओं में वोटिंग को लेकर बहुत उत्साह था. 70.2% महिलाओं ने 69.37% पुरुषों से कहीं अधिक अपने मताधिकार का उपयोग किया.

किस पार्टी का चल सकता है सिक्का ?

बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर खास फोकस किया है, जिसके तहत पार्टी ने जम्मू की सभी 43 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं. कश्मीर घाटी में बीजेपी ने केवल 19 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं. वही निर्दलियों या अन्य छोटी पार्टियों ने घाटी की 28 सीटों पर पार्टी का समर्थन किया. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा है, जबकि इंजीनियर राशिद की अगुवाई वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी ने जमात-ए-इस्लामी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी है. सज्जाद लोन की जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और अपनी पार्टी अकेले चुनाव मैदान में उतरी है. आम आदमी पार्टी ने भी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

क्या कहता है पिछले चुनाव का समीकरण ?

पिछले विधानसभा चुनावों में जम्मू कश्मीर पूरा एक राज्य हुआ करता था. वहीं धारा 370 हटने के बाद यह अब केंद्र शासित राज्य बन गया है. इसके चलते जम्मू-कश्मीर में 87 सीटें हो गई है. अब जम्मू में 37 सीटें, कश्मीर घाटी में 46 सीटें और लद्दाख में 4 सीटें हैं. जम्मू कश्मीर में अब राज्य का दर्जा, सीटें और मुद्दे काफी बदल चुके हैं. वही अब लद्दाख के मुद्दे जम्मू कश्मीर से अलग हो गए हैं. जम्मू कश्मीर में 87 सीटों की जगह पर 90 सीटें हैं. जम्मू रीजन में सीटों की संख्या 37 से 43 हो गई है, जबकि कश्मीर में 46 से 47 हो गई है. इस चुनाव में एससी-एसटी के लिए पहली बार सीटें आरक्षित की गई हैं.

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जम्मू चुनाव में बड़े चेहरे

जम्मू कश्मीर के इस चुनाव में अगर बड़े चेहरों की बात करें तो, इस चुनाव में इल्तिजा मुफ्ती, महबूबा मुफ्ती की बेटी और मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी ने अपना राजनीति सफर का आगाज किया है. वहीं इंजीनियर राशिद की पार्टी ने बारामूला सीट से निर्दलीय जीत से उत्साहित होकर घाटी की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इसके अलावा सज्जाद लोन की पार्टी और उसके सहयोगी दल भी चुनाव मैदान में उतरे. संसद हमलों के दोषी अफजल गुरु के भाई एजाज गुरु, सैयद सलीम गिलानी, डॉक्टर तलत मजीद, सर्जन बरकती और आगा सैयद मुंतजिर भी चुनाव मैदान में हैं.

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