Hariyana: मतदान से पहले BJP को झटका ! अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल…

2019 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था

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Hariyana Election: हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला है. पूर्व सांसद अशोक तंवर एक बार फिर कांग्रेस में वापस लौट आए है. उन्होंने हरियाणा में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी की मौजूदगी में सदस्यता ली. हरियाणा में अशोक तंवर बड़ा नाम है लेकिन 2019 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे.अशोक के इस कदम से दोनों ही दलों के लोग परेशान है की अशोक ने अचानक पला कैसे बदल लिया. किसी भी दल को विश्वास नहीं था की अशोक पला बदलेंगें .

कौन है अशोक तंवर?…

गौरतलब है की अशोक तंवर झज्जर गांव के चिमनी के रहने वाले है. हरियाणा में वह प्रमुख चेहरों में एक है . इतना ही नहीं वह दलित समुदाय से आते है . कांग्रेस में रहते हुए उन्हें राहुल गाँधी ने नजदियों में शुमार किया जाता था . राहुल गाँधी ने उन्हें राष्ट्रीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था और लोकसभा में टिकट देकर उन्हें लोकसभा पहुँचाया था. लेकिन वहीँ, 2014 में तंवर को हरियाणा अध्यक्ष पद की बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी .

हुड्डा से विवाद के चलते छोड़ी कांग्रेस …

कहा जाता है की हरियाणा में हुड्डा और तंवर की कभी नहीं बनी है . जब तक तंवर प्रदेश अध्यक्ष रहे तब तक हुड्डा से नहीं बनी . हरियाणा में तंवर एक कांग्रेस के युवा चेहरे के साथ दलित चेहरे के रूप में भी पहचाने जाते है . उन्होंने 2019 में कांग्रेस टिकट के दौरान पार्टी छोड़ी थी और पार्टी पर टिकट बेचे जाने के आरोप लगाए थे इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान हुड्डा पर भी जोरदार हमला बोला था.

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तंवर ने किया कई दलों का सफर…

गौरतलब है की तंवर ने कांग्रेस छोड़े जाने के बाद कई दलों का सफर किया. कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने अपना राजनितिक दल बनाया था . इसके बाद वह TMC में शामिल हो गए थे .2022 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे लेकिन लोकसभा से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे .

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सैलजा की नाराजगी को भुनाने की कोशिश ..

कहा जा रहा है कि हरियाणा में सैलजा कुमारी हरियाणा में एक बड़ा दलित चेहरा है . वह भारत सरकार में मंत्री भी रह चुकी है .हरियाणा में कांग्रेस अध्यक्ष रहने के बाद अम्बाला और सिरसा से चुनाव जीत चुकी है . प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर हुड्डा से काफी नाराजगी थी .कहा जा रहा है कि सैलजा को राहुल और पार्टी अध्यक्ष की नसीहत के बाद उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना शुरू किया .माना जा रहा था कि सैजला की नाराजगी के चलते कांग्रेस को दलित वोटों का नुकसान हो सकता है .

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