स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए निर्णय लेने में मदद करता है एचटीए
वाराणसी: आईएमएस (बीएचयू) में दिनांक सोमवार को स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन अध्ययन केंद्र हाल, एन एल टी-2 में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार ने किया. उद्घाटन में प्रोफेसर अशोक कुमार, और प्रोफेसर मनोज पाण्डेय मौजूद रहे.
कार्यशाला के संयोजक और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. मनोज पाण्डेय ने बताया कि स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (एचटीए) एक बहु-विषयक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल किसी स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के मूल्य का आकलन करने के लिए किया जाता है. इसका मकसद, स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए निर्णय लेने में मदद करना होता है. एचटीए का उपयोग इस बारे में मार्गदर्शन उत्पन्न करने के लिए भी किया जा सकता है.
दवाओं और प्रौद्योगिकियों को कैसे सुरक्षित और प्रभावी ढंग से निर्धारित किया जाना चाहिए, और वे सेवा वितरण के लिए मौजूदा उपचार मार्गों और प्रणालियों में कैसे फिट होते हैं. चूंकि अधिकांश स्वास्थ्य और दवाओं के बजट सीमित होते हैं, इसलिए एचटीए यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि क्या दवा या तकनीक स्वास्थ्य प्रणाली को वास्तविक मूल्य प्रदान करती है और जनता को कैसे प्रभावी, एवं सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवा सकती है.
स्वास्थ्य मूल्यांकन के बाद सरकार पॉलिसी के तहत करती है लागू
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली से डॉ. कविता राजशेखर ने बताया कि कैसे स्वास्थ्य मूल्यांकन के बाद सरकार इसको पॉलिसी के तहत लागू करती है, उन्होंने आयुष्मान भारत का उदहारण देते हुए बताया कि कैसे 12 महीने की जगह 6 महीने ट्रीटमेंट देने पर एक सा परिणाम मिलता है किन्तु इससे आयुष्मान भारत को 470 करोड़ की बचत हुई. डॉ. आयुष लोहिया ने बताया कि प्रोटोकॉल कैसे बनाते हैं.
ये रहे मौजूद…
स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन इंडिया (एचटीएआई एन ) नोडल केंद्र, आईएमएस (बीएचयू) वाराणसी से डॉ. अतीन्द्र कुमार पाण्डेय , डॉ. रूही दिक्सित, नेशु केश , भावना, अंकिता और मञ्जूषा पाल मौजूद रहीं. कार्यशाला का समापन डॉ. अतीन्द्र कुमार पाण्डेय ने धन्यवाद प्रस्ताव से किया और बताया की कार्यशाला में पीएचडी और एमडी के 100 छात्रा- छात्राओं ने तथा अस्पताल के डॉक्टर कंसलटेंट उपस्थित रह कर तथा करीब 100 लोगो ने ऑनलाइन इस कार्यशाला में भाग लिया, जिनका चयन गूगल फॉर्म और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया गया.